शहीद संजय सिंह पुष्वाण का पार्थिव शरीर पंचतत्वों  में विलीन जानिए सभी समाचार

शहीद संजय सिंह पुष्वाण का पार्थिव शरीर पंचतत्वों  में विलीन जानिए सभी समाचार
 शहीद संजय सिंह पुष्वाण का पार्थिव शरीर पंचतत्वों  में   विलीन
रुद्रप्रयाग। अफ्रीका महाद्वीप के युगांडा देश में शहीद हुए 39 साल के संजय सिंह पुष्वाण का मंगवलार को रुद्रप्रयाग में अंतिम संस्कार किया गया। संजय सिंह पुष्वाण 11 गढ़वाल राफल्स के जवान थे, और भारतीय सेना की तरफ से अंतरराष्ट्रीय शान्ति सेना में शामिल होकर युगांडा गए थे। वहीं पर 10 जुलाई को उनका निधन हो गया था, जिनका पार्थिक शरीर बीते रोज ही उनके पैतृक गांव रुद्रप्रयाग जिले के किमाणा गांव में पहुंचा था, जहां मंगलवार को संजय सिंह पुष्वाण का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
बता दें कि तहसील मुख्यालय के निकटवर्ती गांव किमाणा निवासी 39 साल के संजय सिंह पुष्वाण पुत्र दौलत सिंह पुष्वाण 11 गढ़वाल राफल्स में हवलदार के पद पर थे। इस दिनों उनकी ड्यूटी युगांडा में थी, वो अंतरराष्ट्रीय शान्ति सेना में शामिल होकर युगांडा गए थे।
आगे पढ़ें 

कांग्रेस विधायक के विजय जुलूस में उपद्रव करने के पांच आरोपी गिरफ्तार
हरिद्वार। रविवार देर रात पुलिस की बिना आज्ञा के  मंगलौर में कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन के निकाले गए विजय जुलूस में उपद्रव करने के मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जबकि अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
गौरतलब है कि काजी निजामुद्दीन की जीत के बाद उनके समर्थन ने रविवार देर रात पुलिस की बिना आज्ञा के ही जुलूस निकाला। जुलूस के दौरान लोगों के घरों पर पथराव किया गया। यही नहीं समर्थकों ने पुलिस के साथ भी धक्का-मुक्की भी की।  इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू की।
मंगलौर विधानसभा के उपचुनाव में 10 जुलाई को मतदान के दिन लिब्बरहेड़ी गांव में बवाल हुआ था। इसके अलावा अन्य स्थानों पर झड़प भी हुई थी। यही नहीं कुछ स्थानों पर फायरिंग तो कहीं महिलाओं से छेड़खानी भी हुई थी। शनिवार की रात को लिब्बरहेड़ी गांव में भाजपा समर्थक सुधीर चैधरी के घर के बाहर युवकों ने करीब छह से आठ राउंड फायरिंग की थी। रविवार को इसे लेकर पीड़ित पक्ष के लोगों ने शांति बनाने की बैठक की। पुलिस अधिकारियों को भी बैठक में आश्वासन दिया कि उनकी तरफ से माहौल नहीं बिगाड़ा जाएगा लेेकिन पुलिस ने इस मामले में आरोपियों पर कार्रवाई नहीं की। पुलिस की यही गलती रविवार को भारी पड़ गई।
रविवार की रात को एक बार फिर कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन का विजय जुलूस निकाला गया। पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। जुलूस में इतनी भीड़ थी कि उसे काबू करना बेहद मुश्किल था। भीड़ ने अचानक ही कुछ घरों और दुकानों पर पथराव शुरू कर दिया। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची तो सही लेकिन केवल दो पुलिसकर्मी भीड़ को नहीं संभाल सके। उनके साथ भीड़ ने धक्का-मुक्की कर दी। इस दौरान पुलिस काजी और भीड़ के सामने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए हाथ जोड़ती नजर आई। वहीं काजी ने भी भीड़ के लिए हाथ जोड़े। बावजूद इसके लोग पुलिस को यहां-वहां धकेलते रहे। देर रात तक इस मामले को लेकर क्षेत्र में तनाव बना रहा। यही नहीं, जिन घरों में पथराव हुआ था वह भी रात को मंगलौर कोतवाली जा पहुंचे। उन्होंने पुलिस को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की।
आगे पढ़ें 

दिल्ली केदारनाथ मंदिर विवादः प्रदेश की जनता को गुमराह करने के लिए मांफी मागे भाजपा सरकार-गोदियाल
देहरादून। दिल्ली में बनाए जा रहे केदारनाथ मंदिर स्वरूप को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों और शंकराचार्य के विरोध के बाद उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए इस मुद्दे पर सरकार को जमकर घेरा है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए गोदियाल ने दिल्ली में बनाए जा रहे केदारनाथ मंदिर के प्रतीकात्मक स्वरूप के शिलान्यास का विरोध किया। गोदियाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के उस बयान का भी विरोध किया जिसमें उन्होंने कहा कि दिल्ली में बनाए जा रहे केदारनाथ मंदिर के स्वरूप को लेकर जनता को गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इसके लिए जनता से माफी मांगेंगे तो बेहतर रहेगा।
गोदियाल ने कहा कि, दिल्ली में केदारनाथ मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने शिरकत की, आखिर इसका आशय क्या है? गोदियाल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की भूमिका निभाई थी और उन्होंने कार्यक्रम में शामिल होकर गौरव पाने की कोशिश की। लेकिन वास्तव में मुख्यमंत्री ही जनता को गुमराह करने में लगे हुए हैं।
ऐसे में मुख्यमंत्री ने भले ही जाने अनजाने में यह भूल की होगी, लेकिन मुख्यमंत्री को बड़प्पन दिखाते हुए वह अपने पद का उपयोग करके दिल्ली में बनाए जा रहे मंदिर का नाम बदलते। गोदियाल ने कहा कि केदारनाथ मंदिर से शीला ले जाकर दिल्ली में फाउंडेशन स्टोन रखा गया जो कि हमारे धर्म, आध्यात्मिक मान्यताओं को व्यवसायिक मार्ग पर ले जाने का प्रयास है। मुख्यमंत्री के पास अब भी उत्तराखंड की आस्था को बचाने के लिए वक्त बचा है। पुणे, दिल्ली ले जाई गई शिला को वापस लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई भी मंदिर बनाएं, लेकिन केदारनाथ की प्रतिकृति नहीं बननी चाहिए। ऐसे में मुख्यमंत्री किसी की भावनाओं को आहत नहीं कर सकते हैं और हम उस संस्था से भी निवेदन कर रहे हैं कि यह हमारी आस्था का प्रश्न है। इसलिए दिल्ली में केदारनाथ की प्रतिकृति नहीं बनाई जाए।
आगे पढ़ें 

 नाबालिग का अपहरण करने का आरोपी गिरफ्तार
हरिद्वार। नाबालिग के अपहरण के मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। जिसके पास से अपहरित की गयी नाबालिग को भी बरामद किया गया है। आरोपी के खिलाफ संबधित धाराओं मंे मामला दर्ज कर उसे जेल भेजा गया है।
मिली जानकारी के अनुसार बीती 3 मई को स्थानीय व्यक्ति द्वारा थाना भगवानपुर में तहरीर देकर बताया गया था कि उनकी नाबालिक पुत्री घर से कम्पनी गयी थी जिसके बाद वह वापस नहीं आयी है। तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी। नाबालिग की तलाश में जुटी पुलिस द्वारा घटनास्थल व सम्भावित स्थानो के सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया।  जिसके परिणाम स्वरूप पुलिस टीम को थाना भगवानपुर से आरोपी विश्वास पुत्र नन्हे सिह निवासी ग्राम मुजफ्फरनगर थाना पूरणपुर जिला पीलीभीत उ.प्र. को गिरफ्तार कर लिया गया। नाबालिक को सकुशल बरामद किया गया है। आरोपी को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है।आगे 

हरेला पर्व पर मुख्य सचिव ने अमलतास का पौधा रोपित किया
देहरादून। लोकपर्व हरेला पर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूडी ने अमलतास के पौधा रोपित किया।
मंगलवार को यहां उत्तराखंड के लोकपर्व हरेला के अवसर पर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने देहरादून के भागीरथ पुरम में एमडीडीए द्वारा आयोजित कार्यक्रम में वृक्षारोपण किया। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने अमलतास के पौधे का वृक्षारोपण किया। इस अवसर पर हरेला पर्व की शुभकामनाएं देते हुए मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने प्रदेशवासियों से विशेषकर युवाओं से वृक्षारोपण की अपील की है। कार्यक्रम के दौरान सीएस श्रीमती रतूड़ी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड का यह लोकपर्व विश्व एवं मानव जगत को पर्यावरण संरक्षण एवं हरियाली से खुशहाली का संदेश देता है। मुख्य सचिव ने सभी लोगों से हरेला पर्व के अवसर पर इस वर्ष हरेला की थीम एक पेड़ मां के नाम’ के अनुसार वृक्षारोपण करने पर फोटो अपलोड करने का अनुरोध किया है। इस अवसर पर एमडीडीए के अधिकारी उपस्थित रहे।

 कीड़ा जड़ी के साथ तस्कर गिरफ्तार
पिथौरागढ़। धारचूला कोतवाली पुलिस ने एक तस्कर को प्रतिबंधित कीड़ा जड़ी के साथ गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मुखबिर की सूचना पर धारचूला कोतवाली पुलिस व वन विभाग के साथ संयुक्त तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान धामी गांव जाने वाले मार्ग के पास महेंद्र सिंह दानू पुत्र धन सिंह दानू को गिरफ्तार किया गया। आरोपी के कब्जे से 406 ग्राम प्रतिबंधित कीड़ा जड़ी और 45,500 रुपए बरामद हुए। बरामद कीड़ा जड़ी की कुल कीमत लगभग 3 लाख रुपये है। कीड़ा जड़ी विलुप्त जड़ी बूटियों की श्रेणी में आती है, जो उच्च हिमालय क्षेत्र में पाई जाती है। इसकी बड़े पैमाने में तस्करी होती है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीड़ा जड़ी की बड़ी डिमांड है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ संबधित धाराओं में मामला दर्ज कर आगे की कार्यवाही शुरू कर दी है।
आगे पढ़े 

भद्रकाली मंदिर में शिव महापुराण का दिव्य आयोजन


देहरादून। अनारवाला मंदिर में समस्त क्षेत्रवासियों द्वारा शिव महापुराण का दिव्य आयोजन किया गया। 108 महिलाओं द्वारा सिर पर कलश लिए पीत वस्त्रों में ढोल दमाऊ की थाप के साथ पुष्प बरसाते हुए मुख्य मार्गों से होते हुए भव्य शोभायात्रा भद्रकाली मंदिर प्रांगण तक पहुंची। जहाँ पर वेद मंत्रों के साथ पुराण पूजन व व्यास जी का पूजन किया गया। इसके बाद हरैला पर्व पर एक वृक्ष मां के नाम’ भक्तों सहित आचार्य ममगांई ने वृक्षारोपण भी किये।
आज प्रथम दिवस की कथा प्रवचन करते हुए ज्योतिष्पीठ व्यास आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं ने कहा कि शिव शब्द का अर्थ ही कल्याण होता है। जो उच्चारण में सरल है बसक्रान्ति धातु से शिव शब्द बनता है। सरलता से प्रसन्न होने वाले देव दूसरे के हित में हलाहल को पी जाना एवम दोषों को कंठ में धारण करने वाले और बुद्धि व बाह्य अंतर बुद्धि की स्वच्छता रखने वाले कसैले विशैले नाग कंठ लगाने की आदत व सबसे ठेढा द्वितिया का चंद्रमा सिर पर धारण करने के स्वभाव का नाम ही शिव है। यानि जो शीतलता का प्रतीक है। यदि बुद्धि में शीतलता होती है तो दूसरे को ज्ञान प्रकाश देने में सहजता हो जाती है। वस्त्रों में बाघम्बर यानी जंगल का सबसे शक्तिशाली राजा शेर, इस दुनिया ने उसकी खाल उधाड़नी नहीं छोड़ी। यही दुनिया का नियम है किसी की भी खाल उधाड़ना इसलिए बाते सुनकर के आत्मस्थ रहना यानी डमरू बजाना नाद का प्रतीक है। त्रिशूल त्रिपुंड दैहिक दैविक भौतिक तीन तापों से परे होने का निर्देश करते हैं। शिव पुराण की कथा जीव मात्र का कल्याण करती है। महात्म्य का वर्णन सुनाते हुए ममगाईं ने कहा चंचुला और विन्दुक चरित्रहीन के दोष होते हुए शिव कथा श्रवण कर शिव लोक की प्राप्ति हो जाती है। रवि प्रदोष में कथा का प्रारंभ होना अपने में उत्कृष्ट है।
आज विशेष रुप से नलिन प्रधान, विजय प्रधान, पूर्णिमा प्रधान, सरस्वती प्रधान, बबली प्रधान, आयुष, अनिता शाही, मुक्ता शाही, जयंती गुरुंग, रवि कार्की, निशा, विहान, अजय लामा, गंगा, लक्ष्मी, सुशांत, रीना, आयुषी, पारुल, सनाया, सावित्री, आयुष, विजेन, अराध्या, वैशाली, आचार्य संदीप बहुगुणा, आचार्य दिवाकर भटृ, आचार्य आनंद पालीवाल, आचार्य राहुल सती, आचर्य पुष्कर कैंथोला, आचर्य अंकित भटृ, आचर्य तरुण सती, अनिल चमोली आदि भक्त गण भारी संख्या में उपस्थित थे।

आगे पढ़ें 
हरेला पर्व पर सीएम धामी ने शहीदों के नाम पर किया वृक्षारोपण


देहरादून। हरेला पर्व के अवसर पर प्रदेश भर में पौधरोपण का कार्यक्रम किया जा रहा है। इसी क्रम में वन विभाग की ओर से शहीदों के नाम पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आयोजित इस कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी में पौधरोपण कर प्रदेश की जनता से आह्वान किया कि अपने घर या खाली पड़े भूमि पर पौधारोपण कर प्रदेश में हरियाली लाने का काम करें। जिससे ना सिर्फ पर्यावरण का संरक्षण होगा, बल्कि समृद्धि और खुशहाली भी होगी। सीएम ने कहा कि उत्तराखंड के जो पांच वीर शहीद हुए हैं, उनके याद में पांच पौधों का रोपण किया गया है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरेला पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हरेला पर हमारे जीवन में सुख-समृद्धि सामाजिक सद्भाव का संचार करने के साथ ही हमें प्रकृति से जोड़ने का काम करता है। हरेला पर्व पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों की जिम्मेदारियां और कर्तव्यों से रूबरू कराता है। ताकि किसी तरह से प्रकृति के साथ संबंध में बनाकर आगे बढ़ाना है। साथ ही कहा कि सनातन संस्कृति में प्राचीन काल से ही प्रकृति को मां के रूप में पूजने और संरक्षण करने की परंपरा रही है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार धरती पंच तत्वों से बना है, वैज्ञानिक आधार के अनुसार इन सभी पांच तत्वों का संबंध प्रकृति से है।
सीएम धामी ने कहा कि पहले देहरादून की स्थिति यह थी कि अगर थोड़ी सा भी तापमान में बढ़ोतरी होती थी तो उस दौरान बारिश हो जाती थी, लेकिन मौजूदा स्थिति यह है कि देहरादून का तापमान 44 डिग्री 45 डिग्री तक पहुंच रहा है। यह सभी के लिए एक चिंतन का विषय है, ऐसे में प्रकृति के संरक्षण, समन्वय और संतुलन के लिए जरूरी है कि सभी लोग पौधरोपण करें। उत्तराखंड राज्य में प्राचीन काल से ही अपने परंपराओं के माध्यम से प्रकृति के प्रति अपने प्रेम और समर्पण को लेकर प्रतिबद्धता रही है। जिसके चलते उत्तराखंड को देवभूमि और प्रकृति का प्रदेश कहा जाता है। उत्तराखंड की शुद्ध वातावरण ही प्रदेश की विशेष पहचान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा और यमुना की गोद में बसे उत्तराखंड राज्य को प्रकृति का आशीर्वाद प्राप्त है। लेकिन वर्तमान समय में तमाम प्रश्न लोगों के सामने खड़े हो गए हैं, जिसमें बढ़ती जनसंख्या जलवायु परिवर्तन शामिल है। ऐसे में सभी का कर्तव्य बनता है कि एकजुट होकर प्रकृति के संरक्षण के लिए अपना योगदान दें। ऐसे में हरेला पर्व के अवसर पर सभी को संकल्प लेने की जरूरत है कि अपने प्राकृतिक धरोहर का संरक्षण करेंगे। उत्तराखंड सरकार ने हरेला पर्व को मानने की थीम पर्यावरण की रखवाली, घर-घर हरियाली, लाए समृद्धि और खुशहाली रखा है।
राज्य सरकार ने हरेला पर्व के अवसर पर प्रदेश भर में बृहद स्तर पर पौधरोपण करने का लक्ष्य रखा है। जिसके तहत हरेला पर्व के अवसर पर प्रदेश भर में 50 लाख पौधों का रोपण किया जाएगा। इसके लिए वन विभाग की तरफ से अधिकांश परिवारों को दो-दो फलदार वृक्ष भी वितरित किए हैं। सीएम ने राज्य के सभी स्कूल, कॉलेज, जनप्रतिनिधियों, निकायों, सरकारी और निजी संस्थानों से हरेला पर्व के अवसर पर अधिक से अधिक पौधों का रोपण करने को कहा है। पर्यावरण संरक्षण को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से भी पिछले 10 सालों की भीतर तमाम काम किए गए हैं। साथ ही तमाम योजनाएं भी शुरू की गई हैं।
आगे पढ़ें 

े बच्चे को बचाने को गंगा में कूदी मां,जल पुलिस ने किया सकुशल रेस्क्यू
ऋषिकेश। गंगा में बह गए अपने पांच साल के बच्चे की जान बचाने के लिए एक मां ने अपनी जान को खतरे में डाल दिया। वहीं ऐन समय पर जल पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए दोनों का सकुशल रेस्क्यू किया। इस मामले को लेकर इंस्पेक्टर रितेश शाह ने बताया कि मेरठ से आए एक परिवार के कुछ सदस्य नाव घाट पर गंगा में नहाने के लिए उतर गए। अचानक पांच साल का वंश गंगा में बह गया। वंश की जान खतरे में दिखाई दी तो उसकी मां गुड्डी देवी ने भी अपनी जान की परवाह किए बगैर गंगा में छलांग लगा दी। किसी तरह गुड्डी देवी वंश तक तो पहुंच गई, लेकिन खुद भी गंगा के तेज बहाव में बहने लगी। इस बीच नाव घाट पर ड्यूटी कर रहे जल पुलिस के जवान , विदेश, रवि राणा और राजेंद्र सिंह, सुभाष ध्यानी  ने मां बेटे को सुरक्षित गंगा से बाहर निकाल लिया। जान बचाए जाने पर मां बेटे के साथ आए परिजनों ने पुलिस का आभार व्यक्त किया।
आगे पढ़ें 

मकान के ऊपर गिरी चट्टान, एक मजदूर की मौत
चमोली। सोमवार देर रात बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर मारवाड़ी पुल के पास   भारी बारिश के चलते मजदूरों के मकान के ऊपर चट्टान टूट गयी। इस हादसे में एक मजदूर की दर्दनाक मौत हो गई। जबकि एक अन्य घायल हो गया।  मौके पर पहंुची पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने मृतक के शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। घायल का अस्पताल में उपचार किया जा रहा है।
 मिली जानकारी के अनुसार मारवाड़ी के पास नेपाली मूल के कुछ लोग रहते थे। इनके आवासीय मकान के ऊपर देर रात अचानक पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा टूट कर गिर गया। पहाड़ी के मलबे में दो मजदूर दब गये। इसकी सूचना पुलिस और एसडीआरएफ को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने रेस्क्यू कर दोनों व्यक्तियों को मलबे से बाहर निकाला। तब एक व्यक्ति की मलबे में दबने से मौके पर ही मौत हो गई थी। दूसरे व्यक्ति को 108 एंबुलेंस की मदद से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जोशीमठ भेजा गया, यहां उसका इलाज चल रहा है। मृतक मजदूर का नाम एम बहादुर निवासी नेपाल बताया जा रहा है। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। 

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *