मुख्यमंत्री के नाम पत्र उत्तराखंड में ‘मूल निवास 1950’ और ‘सशक्त भू-कानून’ लागू करने के संदर्भ में ज्ञापन,जानिए सभी समचार

मुख्यमंत्री के नाम पत्र उत्तराखंड में ‘मूल निवास 1950’ और ‘सशक्त भू-कानून’ लागू करने के संदर्भ में ज्ञापन,जानिए सभी समचार

मूल निवास भू कानून समन्वय संघ समिति, उत्तराखंड

ज्ञापन

प्रतिष्ठा में,
श्री पुष्कर सिंह धामी जी
माननीय मुख्यमंत्री
उत्तराखंड सरकार

द्वाराः  जीतमणि पैन्यूली संपादक पहाड़ों की गूँज  राष्ट्रीय समाचार पत्र 
विषयः उत्तराखंड में ‘मूल निवास 1950’ और ‘सशक्त भू-कानून’ लागू करने के संदर्भ में।

महोदय,
सादर अभिवादन। उपरोक्त विषय पर निवेदन है कि उत्तराखंड के लोग विशेषकर युवा पिछले
लंबे समय से राज्य में अपने संवैधानिक अधिकारों के लिए आंदोलनरत हैं। राज्य में संविधान प्रदत्त ‘मूल
निवास 1950’ को समाप्त कर उसे ‘स्थायी निवास’ में बदलने और उसकी कट आ ऑफ डेट 1985 करने
के विरोध में राज्य में समय-समय पर आवाज उठती रही है। पिछले दिनों राज्य के विभिन्न हिस्सों से
आकर युवाओं ने एक बड़े जन सैलाब के रूप में 24 दिसंबर, 2024 को उत्तराखंड राज्य के शिल्पी और पहाड़ के गांधी इंद्रमणि बडोनी की जयन्ती पर देहरादनू में अपनी बात सरकार के सामने रखी। अब यह आंदोलन राज्य के तमाम हिस्सों में भी जोर पकड़ रहा है। चिंता इस बात की है कि हमारी आने वाली पीढ़ियों के सामने अपने ‘मलू निवास’ को साबित करने का संकट भी
खड़ा हो गया है। हम इस ज्ञापन के माध्यम से आपसे निम्न मांगें करते हैं।

महामहोदयेदय, इस ज्ञापन के माध्यम से हम उत्तराखंड में मूल निवास पर हुई विसंगतियों की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं। राज्य बनने से पहले उत्तराखंड के सभी लोगों को मूल निवास 1950 के आधार पर प्रमाण-पत्र जारी होते थे। राज्य बनने के बाद जब पहली अंतरिम सरकार बनी तो इसे ‘मूल निवास’ से हटाकर ‘स्थायी निवास’ कर दिया गया और इसकी कट ऑफ डेट भी 1985 कर दी। और यहीं से हमारे संवैधानिक अधिकारों पर हमला हुआ। जबकि पूरे देश में यह कट ऑफ डेट संविधान लागू होने के समय यानि 1950 में राष्ट्रपति के प्रेसिडेंशियल नोटिफिकेशन के अनुसार लागू है। वर्ष 2010 में उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने भी इसे प्रेसिडेंशियल नोटिफिकेशन के अनुसार सही माना, लेकिन 2012 में उच्च न्यायालय उत्तराखंड की एकल पीठ ने एक मामले की सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया कि मौलिक अधिकारों के तहत किसी भी व्यक्ति को देश के किसी भी हिस्से में रहने
और वहां के अवसरों का लाभ लेने का अधिकार है। इसी फैसले के आलोक में कोर्ट ने इसकी कट
ऑफ डेट भी राज्य बनते समय की वर्ष 2000 कर दी। उत्तराखंड के लोगो के लिए यह किसी आघात
से कम नहीं था। तत्कालीन सरकार इसके खिलाफ न तो डबल बैंच में गई और न उसने उच्चतम न्यायालय में इसे चुनौती दी। इसका परिणाम यह हुआ कि बड़ी संख्या में राज्य में रहने वाले युवाओं के नौकरी और शिक्षा के अवसर सीमित हो गये।

इस ज्ञापन के माध्यम से हम मांग करते हैं-
1. हम मांग करते हैं कि उत्तराखंड में राज्य गठन से पहले जिस तरह से ‘मूल निवास 1950’ को
मान्यता थी उसे बहाल किया जाय। मूल निवास की कट ऑफ डेट संवैधानिक प्रावधानों के
अनुसर 1950 हो। ‘स्थायी निवास प्रमाण-पत्र’ जैसी व्यवस्था को समाप्त किया जाये।

2. सरकार राज्य में संविधान के मौलिक अधिकारों की धारा 16-ए के अनुसार राज्य विधानसभा में
एक संकल्प पारित करे, जिसमें तृतीय और चतुर्थ श्रेणी सहित उन सभी पदों पर स्थानीय युवाओं के लिए पद आरक्षित करे। इस तरह की व्यवस्था देश के चार राज्यों आंध्र प्रदेश, त्रिपुरा, हिमाचल और मणिपुर में है। यह अधिकार हमें संसद
देती है। इसके लिए राज्य सरकार तुरंत एक संकल्प पत्र केन्द्र सरकार को भेजे।

3. राज्य में उन सभी पदों में स्थानीय भाषाओं की अनिवार्य ता लागू की जाए जाे सीधे जनता से
जुड़े हैं। जैसे पटवारी, ग्राम पंचायत अधिकारी, स्वास्थ विभाग के कर्मचारी आदि।

महाेदय, दूसरा मुद्दा है, उत्तराखंड में ठोस ‘भू-कानून’ का। राज्य में लचर भू-कानूनों के चलते
लगातार हमारी कृषि योग्य भूमि कम होती जा रही है। एक अनुमान के अनुसार हमारे पास कृषि याेग्य
भूमि मात्र चार प्रतिशत रह गई है। जनविरोधी भूमि और जंगलात कनूनों ने लोगों को पहाड़ छोड़ने को
मजबूर किया है। इसके लिए जरूरी है कि उत्तराखंड में ऐसा सशक्त ‘भू-कानून’ आये जो हमारी कृषि की खेती काे बचाये और हमारी परंपरागत कृषि, बागवानी, पशुपालन और वन आधारित अर्थव्यवस्था को पुनस्र्थापित करे। अतः हम मांग करते हैं-
1. उत्तराखंड में जमीनों की आखिरी पैमाइश 1964 में हुई थी। जबकि अंग्रेजों ने हमारे यहां 11 बार पैमाइश कराई थी। राज्य बनने के बाद 2004 में यह पैमाइश हो जानी चाहिए थी, लेकिन
राज्य बनने के इन 23 सालों बाद भी हमें जमीनों के सटीक आंकड़े पता नहीं हैं। हम मांग करते हैं कि उत्तराखंड की पूरी जमीन की बड़ी पैमाइश कराकर वन विभाग और सरकारी खाते में चली गई हमारी जमीनों काे मुक्त कराकर उसे कृषि भूमि में शामिल किया जाये।

2. उत्तराखंड में बड़ी संख्या भूमिहीनों की है। हमारे दलित भाइयों के पास नाममात्र की जमीन भी
नहीं है, इसलिए जमीनों की पैमाइश के बाद जमीनों का बंटवारा सुनिश्चित किया जाये।

3. उत्तराखंड में 1960 में ‘कुमाऊं उत्तराखंड जमींदारी विनाश एवं भूमि सुधार कानून’ (कूजा एक्ट)
आया तो इसने खेती के विस्तार के सारे रास्ते रोक दिये। इसके तहत विकास कार्यों के लिए नाप जमीन की अनिवार्यता काे समाप्त कर विकास कार्यो के लिए सरकारी जमीन के उपयोग
का कानून लागू किया जाये।

4. सरकारों ने समय-समय पर ‘उत्तर प्रदेश जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार कानून-1950’ में
जो भी संशोधन किए गये हैं उन पर पुनर्विचार कर एक ठोस भू-कानून बनाने की दिशा में काम करना चाहिए जो हमारी कृषि योग्य जमीनों को बचाने, किसानों की जमीन का रकवा
बढ़ाने और जमीनाें की खरीद-फरोख्त पर रोक सुनिश्चित करे।

5. सरकार ने 6 दिसंबर, 2018 को ‘उत्तर प्रदेश जमींदारी उन्मूलन और भूमि व्यवस्था अधिनियम
1950 (अनुकलन एवं उपरांतरण आदेश 2001) (संशाेधन) अध्यादेश-2018’ की धारा-154 में धारा 154 (4) (3) (क) में बदलाव कर दिया गया। नये संशोधन में धारा 154 में उपधारा (2) जोड़ दी गई है। अब इसके लिये कृषक होने की बाध्यता समाप्त कर दी गई है। इसके साथ
ही 12.5 एकड़ की बाध्यता को भी समाप्त कर दिया गया। इतना ही नहीं नये संशोधन में अधिनियम की धारा-143 के प्रावधान को भी समाप्त कर दिया गया। इस संशोधन के माध्यम से
इस धारा को 143 (क) में परिवर्तित कर दिया गया। अब अपने उद्योग के लिये प्रस्ताव सरकार से पास कराना है। इसके लिये खरीदी गई कृषि जमीन का भू-उपयोग बदलने की भी जरूरत नहीं है। इसे बहुत आसानी से अकृषक जमीन मान लिया जायेगा। हम मांग करते हैं कि
सरकार द्वारा लाये गये इन संशोधनों को तुरंत रद्द किया जाये।

6. हम मांग करते हैं कि अन्य पर्वतीय राज्यों की तरह उत्तराखंड में जमीन खरीदने-बेचने का
सख्त कानून आये जो हमारी जमीनाें को बचा सके।

महाेदय, हमें उम्मीद है कि आप हमारी भावनाओं को समझते हुए उत्तराखंड में ‘मूल निवास’ और ‘सशक्त भू-कानून’ से उपजे असंतोष को लोकतांत्रिक मांग मानते हुए अपने स्तर पर यथाशीघ्र सुलझाने
और हमारे शहीदों के बेहतर राज्य की कल्पना काे मूर्त रूप देने की नीतियां बनायेंगे।

सादर।

निवेदकः
मूल निवास-भू कानून समन्वय संघर्ष समिति, उत्तराखंड

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बरसाती नाले में बहा वाहन,दो लापता
चंपावत। जनपद के टनकपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत भारी बारिश में एक मैक्स वाहन टनकपुर पूर्णागिरि रोड पर बहने वाले किरोड़ा नाले में बह गया। घटना की सूचना मिलते ही एसडीएम आकाश जोशी मौके पर पहुंचे। साथ ही एसडीआरएफ व पुलिस टीम ने मौके पर पहुंच कर रेस्क्यू अभियान शुरू किया। सात लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है। जिन्हें उप जिला चिकित्सालय टनकपुर भेजा गया है। वहीं सीएम पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर दुख जताया है।
सीएम धामी ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा कि किरोड़ा नाले में आए तेज बहाव के कारण एक वाहन के बहने का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। स्थानीय प्रशासन को बचाव कार्य और घायलों के उपचार के लिए निर्देशित किया गया है। एसडीआरएफ और पुलिसकर्मियों के द्वारा दुर्घटना में लापता लोगों की तलाश की जा रही है।
चंपावत जनपद के टनकपुर पूर्णागिरि मार्ग में किरोड़ा बरसाती नाले के रपटे में एक मैक्स जीप तेज बहाव में बह गई। बताया जा रहा है कि हादसे में एक बच्ची की मौत हुई है। रेस्क्यू टीम ने सात यात्री को नाले से बाहर निकाल लिया है, जिसमें से एक मृतक बच्ची भी है। बताया जा रहा है कि वाहन में सवार लोग जनपद उधमसिंह नगर के ग्राम पकड़िया के रहने वाले हैं। अब तक छह लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है। उप जिलाधिकारी टनकपुर आकाश जोशी ने बताया है कि प्राप्त सूचना अनुसार वाहन में कुल 9 लोग सवार थे, जिनमें से 7 लोगों को निकाल लिया गया है। दो लोगों की खोजबीन जारी है।
एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने बताया कि सूचना मिली थी कि टनकपुर पूर्णागिरि मार्ग पर बरसाती नाले में मैक्स वाहन बह गया है। सूचना मिलते ही रेस्क्यू के लिए मौके पर दो टीम को रवाना किया गया। बताया कि टीम ने मौके पर पहुंचकर चार लोगों को बाहर निकाला, इससे पूर्व प्रशासन की टीम ने पोकलैंड की मदद से तीन लोगों को नाले से बाहर निकाला।जानकारी में आया है कि जीप में 9 लोग सवार थे। सात लोगों को टीम द्वारा रेस्क्यू किया जा चुका है, जबकि दो लोग लापता बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है एक बच्ची की मौत भी हुई है, जबकि घायलों को अस्पताल भेजा गया है. हादसे में 17 वर्षीय किशोरी बलविंदर कौर पुत्री सुखविंदर सिंह की मौत हुई है, जबकि पवनदीप कौर, अमनदीप कौर, सीमा, चालक उवेश पुत्र खुर्शीद घायल हुए हैं. अन्य की जानकारी जुटाई जा रही है।

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अन्तर्राज्यीय चोर गिरोह के चार सदस्य दून में गिरफ्तार


कार शोरूमों में दो अलगकृअलग घटनाओं को दिया था अंजाम
देहरादून। कार शोरूमों में हुई अलगकृअलग घटनाओं को खुलासा करते हुए पुलिस ने मध्य प्रदेश के अंतर्राज्जीय चोर गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरोह का मुखिया पटेलनगर क्षेत्र में पहले भी दो शोरूमों में चोरी की घटनाओं को अंजाम दे चुका है जिसकी कचहरी में तारीख के दौरान उसने नेहरूकालोनी थाना क्षेत्र में अन्य शोरूमों को चिन्हित कर उसमें अपने साथियों सहित चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया था। आरोपियों के कब्जे से घटना में चोरी की गई नकदी, लैपटॉप व अन्य सामान बरामद किया गया है।
जानकारी के अनुसार बीती 7 अगस्त को तरसेम लाल राणा, मैनेजर डीपीएम हुंडई शोरूम, हरिद्वार बाई पास रोड व प्रमोद कुमार, मैनेजर मारुती नेक्सा शोरूम हरिद्वार बाईपास रोड, देहरादून द्वारा थाना नेहरूकालोनी में तहरीर देकर बताया गया कि रात्री में उनके शोरूमों में अज्ञात लोगों द्वारा ताला तोड़कर चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया गया है। मामले में पुलिस ने तत्काल मुकदमा दर्ज कर चोरों की तलाश शुरू कर दी गयी। चोरों की तलाश में जुटी पुलिस टीम को बीती रात सूचना मिली कि उक्त चोरियों मेें शामिल बदमाश फिर से देहरादून आये है, जो सम्भवतः किसी अन्य घटना को अजांम दे सकते हैं, जिस पर पुलिस टीम द्वारा बताये गये स्थान जोगीवाला क्षेत्र में दबिश देकर घटना में शामिल 4 बदमाशों मेवालाल मोहिते पुत्र घिसीलाल, सुनील मोहिते पुत्र तुलशीराम मोहिते, देव सिंह सोलंकी पुत्र अनार सिंह सोलंकी व सुरेश उर्फ सूरज महत्व पुत्र होसी मोहिते को गिरफ्तार किया गया, जिनके कब्जे से थाना नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में नैक्सा शोरूम व डीपीएम हुंडई शोरूम में हुयी चोरियों से सम्बन्धित सामान तथा चोरी में प्रयुक्त इलैक्ट्रिक कटर व अन्य सामान बरामद किया गया है। पूछताछ में आरोपी मेवालाल द्वारा बताया गया कि उसके द्वारा मार्च 2024 में पटेलनगर क्षेत्र में ओबरॉय मोटर्स तथा तान्या ऑटोमोबाइल प्रा.लि. में अपने साथियों के साथ मिलकर चोरी की घटनाओ को अजांम दिया गया था, जिसमें पूर्व में पटेलनगर पुलिस द्वारा उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। बताया कि वह 25 जुलाई को उन मामलों में एसीजेएम फर्स्ट कोर्ट देहरादून में पेशी पर आया था। पेशी के पश्चात वह 26 जुलाई को शिमला घूमने के लिए चला गया। शिमला में रहने के दोरान उसके द्वारा गूगल के माध्यम से देहरादून के विभिन्न कार शोरूम की जानकारी जुटायी गयी तथा 2 अगस्त को वापस आकर देहरादून में विभिन्न शोरूमों की रैकी की गई। रैकी के पश्चात उसके द्वारा नेक्सा मारुति शोरूम हरिद्वार बायपास रोड,डीपीएम हुंडई शोरूम हरिद्वार बायपास, रोहन मोटर्स, जीएमएस रोड तथा यामाहा शोरूम जोगीवाला को चोरी की घटना के लिये चिन्हित किया गया तथा घटना को अजांम देने के लिये मध्य प्रदेश तथा गुजरात से अपने 3 अन्य साथियों को देहरादून बुलाया। उसके पश्चात चारो ने मौका देखकर दिनांक 4़-5 अगस्त की रात पहले डीपीएम हुंडई शोरूम तथा उसके पश्चात मारुति नेक्सा शोरूम में चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया था। जिसके बाद वह हरिद्वार चले गये जहंा एक दो दिन रूकने के दौरान उन्होने वहंा कुछ कार शोरूम की रैकी की गई तथा कलियर मोड़ रूड़की रोड स्थित महिंद्रा शोरूम को घटना के लिये चिन्हित किया गया। इसके पश्चात उन्होने पहले देहरादून में चिहिन्त किये गये 2 अन्य शोरूमों यामाहा शोरूम तथा रोहन मोटर्स तथा उसके बाद हरिद्वार में चिन्हित महिंद्रा शोरूम में घटना कर वापस मध्य प्रदेश जाने की योजना बनाई तथा योजना के मुताबिक वह 8 अगस्त को पुनः घटना करने देहरादून वापस आये, पर घटना को अजांम देने से पूर्व ही पुलिस द्वारा उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में आरोपियों द्वारा अन्य प्रांतो में भी घटनाये किया जाना प्रकाश में आया है, जिसके सम्बंध में जानकारी की जा रही है।आगे पढ़ें  कनपटी पर बंदूक लगाकर युवती से छेड़खानी का प्रयास,मामला दर्ज
हरिद्वार। बादराबाद थाना क्षेत्र  सरेराह एक गांव में युवक ने युवती के सिर पर बंदूक लगा कर छेड़खानी करने की कोशिश की। ग्रामीणों द्वारा युवक को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया है। मामले में पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।पीड़िता युवती ने पुलिस को तहरीर देकर बताया की शुक्रवार सुबह को वह घर से गांव के रास्ते काम के लिए जा रही थी। तभी एक अनजान युवक ने उसकी कनपटी पर बंदूक लगा दी और छेड़खानी करने लगा। गनीमत रही की आसपास से गुजर रहे राहगीरों द्वारा युवक को पकड़ लिया गया। से मामले से साफ जाहिर होता है की क्षेत्र में युवतियां कितनी सुरक्षित है। पीड़ित युवती के परिजनों ने थाने में युवक के खिलाफ तहरीर भी दे दी है। मामले में थानाध्यक्ष नरेश राठौर ने बताया आरोपी युवक कपिल निवासी सहारनपुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।आगे पढ़ें 

राज्य में संशोधित मिलेट पॉलिसी, हाई डेनस्टि एप्पल पॉलिसी, हाई टेक एप्पल नर्सरी पॉलिसी, पोस्ट हार्वेस्ट इन्फ्रा पॉलिसी, कीवी फार्मिंग पॉलिसी, हनी पॉलिसी, महक रेव्ल्यूशन पॉलिसी, झंगौरा की एमएसपी प्रस्ताव पर तेजी से कार्य जारी


मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कृषि व उद्यान विभाग को सभी पॉलिसी के अन्तिम प्रस्ताव भेजने की डेडलाइन दी

संशोधित मिलेट पॉलिसी के तहत मिलेट्स की उत्पादकता बढ़ाने तथा क्षेत्र विस्तार पर फोकस

मिलेट्स की खेती से राज्य के किसानों को मिलेंगे कार्बन क्रेडिट

*राज्य में फलोरीकल्चर की अपार संभावनाओं को देखते हुए सीएस ने हल्द्वानी व ऋषिकेश में फूलों की मंडी स्थापित करने की कार्ययोजना पर कार्य करने के निर्देश दिए*

*एग्रीकल्चर मास्टर प्लान के तहत सॉयल प्रोफाइलिंग के कार्य को तत्काल शुरू*

उत्तराखण्ड में मिलेट पॉलिसी, हाई टेक एप्पल नर्सरी पॉलिसी, पोस्ट हार्वेस्ट इन्फ्रा पॉलिसी, कीवी फार्मिंग पॉलिसी, हनी पॉलिसी, महक रेव्ल्यूशन पॉलिसी, झंगौरा के लिए एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य ) के निर्धारण पर तेजी कार्य चल रहा है। इसके साथ ही राज्य में सेब उत्पादन को बढ़ावा देने तथा किसानों की सुविधा व हित को ध्यान में रखते हुए मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सचिवालय में सेतु आयोग व कृषि एवं उद्यान विभाग की बैठक में UTPADAC (हाई डेनस्टि एप्पल पॉलिसी) में संशोधन के प्रस्ताव को अन्तिम रूप देने के लिए उद्यान विभाग को 15 दिन की डेडलाइन दी है। इस सम्बन्ध में सब्सिडी वितरण को तीन किस्तों में 80 प्रतिशत, 10 प्रतिशत व 10 प्रतिशत किये जाने पर चर्चा की गई। वर्तमान पॉलिसी के तहत 171 एकड़ क्षेत्र में सेब उत्पादन के प्रस्ताव के सम्बन्ध में अभी तक 436 किसानों के आवेदन प्राप्त हुए हैं।

हाईटेक एप्पल नर्सरी पॉलिसी (PRADHAN ) के सम्बन्ध में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी सभी स्टेकहॉल्डर्स के साथ चर्चा करने के बाद पॉलिसी को अन्तिम रूप में जल्द से जल्द प्रस्तावित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पोस्ट हार्वेस्ट इन्फ्रा पॉलिसी ( SUPHAL) में वांछित संशोधन के बाद इस राज्य से फंडिग करवाने के साथ अन्तिम रूप में प्रस्तावित करने के निर्देश दिए हैं।

 

कीवी क्लटीवेशन पॉलिसी को एक सप्ताह से पहले अन्तिम रूप में प्रस्तावित करने का निर्देश देते हुए मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने इस सम्बन्ध में कीवी उत्पादकों को 80 प्रतिशत, 10 प्रतिशत व 10 प्रतिशत की तीन किस्तों में सब्सिडी वितरण पर चर्चा की है।

राज्य में एकीकृत मधुमक्खी उत्पादों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लाई जा रही हनी पॉलिसी को अन्तिम रूप से प्रस्तावित करने के लिए मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने उद्यान विभाग को 4 सप्ताह की डेडलाइन दी है। उन्होंने मिलेट पॉलिसी में वाछिंत संशोधन कर इसे भी जल्द से जल्द अन्तिम रूप में प्रस्तावित करने के निर्देश दिए हैं। मिलेट पॉलिसी के तहत मिलेट्स की उत्पादकता बढ़ाने तथा क्षेत्र विस्तार पर फोकस किया जाएगा। सीएस ने निर्देश दिए हैं कि राज्य में गेहूँ व चावल की खेती से मिलेट्स की खेती में शिफट करने के विजन के साथ पॉलिसी पर कार्य किया जाए। उन्होंने मिलेट्स की खेती से राज्य के किसानों को मिलने वाले कार्बन क्रेडिट पर भी जागरूकता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने झंगौरा के न्यूनतम समर्थन मूल्य को निर्धारित करने के प्रस्ताव को भी जल्द प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राज्य में मिलेट्स उत्पादन की सटीक आंकडे़ जुटाने के निर्देश दिए हैं।

राज्य में फलोरीकल्चर की अपार संभावनाओं को देखते हुए मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने हल्द्वानी व ऋषिकेश में फूलों की मंडी स्थापित करने की कार्ययोजना पर कार्य करने के साथ ही मंडियों तथा विभागों के मध्य समन्वय के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस सम्बन्ध में सप्लाई चेन को प्रभावी बनाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने एग्रीकल्चर मास्टर प्लान के तहत सॉयल प्रोफाइलिंग के कार्य को तत्काल शुरू करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में टीडीसी का नाम परिवर्तित कर उत्तराखण्ड सीड कॉरपोरेशन करने के प्रस्ताव पर भी चर्चा की गई ।

इस अवसर पर सचिव श्री आर मीनाक्षी सुन्दरम, सेतु आयोग वाइस चैयरमेन श्री राजशेखर जोशी, सहित कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

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दून लाइब्रेरी एण्ड रिसर्च सेन्टर की सुविधाओं का निःशुल्क लाभ मिलेगा सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं को

सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राएं दून लाइब्रेरी एण्ड रिसर्च सेन्टर की सुविधाओं का निःशुल्क लाभ उठा सकते हैं। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने दून लाइब्रेरी एण्ड रिसर्च सेन्टर (डीएलआरसी) में सभी सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क सदस्यता की व्यवस्था के निर्देश देते हुए जिलाधिकारी देहरादून को तत्काल इस सम्बन्ध में सभी सरकारी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को पत्र लिखने के निर्देश दिए हैं।

सचिवालय में दून लाइब्रेरी एण्ड रिसर्च सेन्टर की 45वीं गवर्निंग बॉडी की बैठक की अध्यक्षता के दौरान मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने दून लाइब्रेरी एण्ड रिसर्च सेन्टर में प्रतियोगी परीक्षाओं के ऑरियेण्टेशन प्रोग्राम के साथ सरकार द्वारा युवाओं के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं, स्वरोजगार योजनाओं, स्टार्ट अप पॉलिसी की जानकारी का प्रचार-प्रसार करने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। आज की बैठक में मुख्य सचिव ने दून लाइब्रेरी एण्ड रिसर्च सेन्टर के कॉर्पस फण्ड के लिए 2.12 करोड़ रूपये के धनराशि की मांग पर अनुमोदन दिया।

बैठक में जिलाधिकारी देहरादून, दून लाइब्रेरी एण्ड रिसर्च सेन्टर के निदेशक श्री एन रविशंकर, श्री नपच्याल, श्री बी के जोशी व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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