सड़कों और मीडिया मे अलग धार्मिक बहस के केंद्र में अयोध्या का प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम चल रहा है
*प्रेस को संवैधानिक अधिकार दिया जाय*🙏
🔭 साइंटिफिक-एनालिसिस🔬
आज कल सड़कों व मीडिया में एक अलग ही धार्मिक बहस चल रही हैं | इसके केन्द्र में अयोध्या का प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम हैं। इसमे दोनों तरफ के लोग भगवा धारण करके ललाट पर चंदन लगाकर अपने-अपने ज्ञान बांट रहे है। इसमें से सच तो एक ही हो सकता हैं व दूसरा रावण के समान साधु का वैश धारण कर सीताहरण का अधर्म कृत करने वाला होगा |
आप सभी समझदार व बुद्धिजीवी हैं इसलिए इस वीडियो को देखे व स्वयं तय करे की कौन ऐसे कपटी वैश धारण करके भगवान रामलला के नाम पर उनकी मर्यादा, नैतिकता, लोगों के विश्वास एवं आस्था को अपनी ताकत व आडम्बर के माध्यम सें हरण करके स्वयं बड़ा व पद व सत्ता की ताकत वाली लालच के अन्तर्गत भगवा, सनातन, धर्म एवं संस्कृति को कलंकित कर रहा हैं ।
राम-मंदिर निर्माण के लिए कोई मनाही नहीं कर रहा हैं परन्तु यहाँ तो उसको बनाने की क्रैडिट को लूटने का राजनैतिक खेल हो रहा हैं । यह सब हर सामाजिक क्षेत्र में राजनीति के घालमेल का दुष्परिणाम हैं । ऐसा होगा यह आपके साइंटिफिक-एनालिसिस ने पांच वर्षों पूर्व ही बता दिया और अखबार में प्रकाशन के माध्यम से आप तक पहुंचा दिया था | इसकी प्रति आज भी हमारे आधिकारिक पेज पर इसके आगे की घटनाओं की जानकारी के साथ मौजूद हैं |
आप वर्तमान में यह वीडियो ⤵️ देखे और आधी-अधूरी सच्चाई से अपने-अपने राम को बचाये |
Scientific-Analysis on Current News
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👉 एक आतंकवादी को बचाने के लिए भारतीय उच्चतम न्यायालय के दरवाजे आधी रात को खोले जाते हैं व फैसला होता है, क्या जनता के ह्रदय/दिल में बसे न्यायिक प्रक्रिया के अनुसार जीवित भगवान रामलला को बचाने के लिए भारतीय उच्चतम न्यायालय रात को फिर खुलेगी | खबर पढ़े ⤵️
आगे पढ़ें जिसे शंकराचार्य जी की प्रेस कांफ्रेंस को मीडिया दिखाते नहीं है जिसका मुख्य रूप से सच बताने के लिए चौथा स्तम्भ है वीना संवैधानिक अधिकार के है इसलिए गोदी मीडिया की भूमिका में हैं
https://fb.watch/pG_znZgxWt/?mibextid=2JQ9oc
शंकराचार्य भगवान की जय हो 🙏