वसंतोत्सव-2025 में तकनीकी और नवाचार जैसी पहल की शुरूआत हुई; राज्यपाल

वसंतोत्सव-2025 में तकनीकी और नवाचार जैसी पहल की शुरूआत हुई; राज्यपाल

  राजभवन में वसंतोत्सव-2025 का भव्य शुभारंभ हुआ। राज्यपाल ने इस वर्ष के लिए चयनित विशेष पोस्टल कवर ‘‘जटामांसी’’ का किया विमोचन! *वसंतोत्सव के पहले दिन में आईएमए, पीएसी और…
मुख्यमंत्री  धामी ने चमोली में हुई आपदा के सर्च एवं रेस्क्यू अभियान की ली जानकारी

मुख्यमंत्री धामी ने चमोली में हुई आपदा के सर्च एवं रेस्क्यू अभियान की ली जानकारी

मुख्यमंत्री धामी ने चमोली में हुई आपदा के सर्च एवं रेस्क्यू अभियान की  ली जानकारी  देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रविवार सुबह  राज्य आपदा परिचालन केंद्र पहुंचे और चमोली में…
गुड न्यूज, रिस्पना और बिंदाल कॉरिडोर का कार्य जल्द शुरू किया जाए-सीएम जानिये सभी  समाचार

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*मुख्यमंत्री धामी ने संस्कृत छात्र प्रतिभा सम्मान एवं छात्रवृत्ति वितरण कार्यक्रम में 261 संस्कृत विद्यार्थियों को किया सम्मानित* *सरकार संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने का कर रही है कार्य- मुख्यमंत्री*…
श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज के 25वां प्रकटोत्सव सादगी और श्रद्धाभाव से मनाया गया

श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज के 25वां प्रकटोत्सव सादगी और श्रद्धाभाव से मनाया गया

श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज के 25वां प्रकटोत्सव सादगी और श्रद्धाभाव से मनाया गया श्री दरबार साहिब के सज्जादानशीन, गद्दीनशीन श्री महाराज जी को शुभकामनाएं देने देश विदेश से उमड़े…
आगामी राष्ट्रीय मतदाता दिवस क दृष्टिगत मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी नेमतदाता सहभागिता को प्रोत्साहित किये जाने के उद्देश्य से मतदाता शपथ कार्यक्रम के तहत सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को मताधिकार के प्रयोग की शपथ दिलाई जानिए अन्य समाचार 

आगामी राष्ट्रीय मतदाता दिवस क दृष्टिगत मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी नेमतदाता सहभागिता को प्रोत्साहित किये जाने के उद्देश्य से मतदाता शपथ कार्यक्रम के तहत सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को मताधिकार के प्रयोग की शपथ दिलाई जानिए अन्य समाचार 

राष्ट्रीय आगामी कलाकार दिवस के दृष्टिगत मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूडी नेमतदाता अख्तर को शपथ कार्यक्रम के तहत शपथ कार्यक्रम के तहत सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को मताधिकार के प्रयोग की शपथ…
जोशीमठ पीठाधीश्वर स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद महाराजजी 1008 ने सनातन कुंभ क्षेत्र में सनातन बोर्ड का गठन किया

जोशीमठ पीठाधीश्वर स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद महाराजजी 1008 ने सनातन कुंभ क्षेत्र में सनातन बोर्ड का गठन किया

जगत गुरु जोशीमठ पीठाधीश्वर स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद महाराजजी 1008 ने सनातन कुंभ क्षेत्र में सनातन बोर्ड का गठन किया उत्तराखंड-विदेश पर्यटन बड़ी खबर शिक्षा सामाजिक क्षेत्र के लिए जोशीमठ पीठाधीश्वर…

मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री से उद्योगपति उद्योग कर प्रदेश के विकास परियोजना का प्रस्ताव रखा

मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री से उद्योगपति उद्योग कर प्रदेश के विकास परियोजना का प्रस्ताव रखा मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूडी ने यह जानकारी दी है कि आयुष्मान राज्य…

  सेंटिफिक-एना लिसीस 75 साल पुराने संविधान पर चर्चा नहीं, संविधान निर्माण की आवश्यकता -शैलेंद्र बिराणी   भारत का संविधान कोई बच्चा और इंसान नहीं अपने समय के साथ खुश रहें बर्थ डे, सिल्वर जुमली, गोल्डन जुमली बने रहें | यह भारतीय लोक तंत्र में आम जनता की सरकार ने कैसे काम किया है, उस सरकार के मूल आधार क्या हैं, जिसमें स्थिर स्थिरांक बताए गए हैं उनके सूत्र- गिरदा अभ्यास सोनिया को एक श्रृंखलाबद्ध करने का लिपिबद्ध संग्रह है | यह लिपीबिद्ध संग्रह पुस्तक के रूप में हैं, जैसे लिखे हुए अक्षर कटे, फटे, गले और मिटे नहीं | इस पुस्तक के लाइकर, दंडवत प्रणाम और नमस्कार करना, विज्ञान के महारथियों को उनकी प्रतिष्ठा और सम्मान देना है लेकिन उन्हें जीवित रहना चाहिए | संविधान के उनके सिद्धांतों को पढ़ने वालों ने आम लोगों और नए सिद्धांतों को भावार्थ को बताया, उनके भारत-सरकार को कुछ इस तरह का सिद्धांत दिया गया कि यह विश्वास करना ही विज्ञान की तकनीक पर आधारित है, जो उनके प्रति आदर और सम्मान प्रकट करता है है. ।। संविधान की पुस्तक को बार-बार झुकाकर, दण्डवत प्रणाम करके, शरीर के अंगों पर अभिव्यक्त करने की अति करना भाषा राजनीति में सम नीति के सिद्धांत का चरितार्थ करना होता है और मानवता लोकतंत्र और अभिलेखों की घोषणा एडम्बर नेताओं पर होती है। सम नीति अर्थात् व्यक्ति विशेष को बड़ा, विधायक, गुणी, सर्वक्षेष्ठ को महिमामंडन करते हुए अपना काम आउट करते हैं | संविधान की किताब बार-बार में अपनी दृष्टि की बात सामने आती है लेकिन किताब में लिखी पुरानी बातों को उजागर करते हुए किसी भी घटना को व्यक्त करना सही होता है। बार-बार विज्ञापन करने से लोगों के दिल और दिमाग पर बुरा असर पड़ता है, जिसमें लिखी बातें शामिल होती हैं, आत्मसाध नहीं कर सकते, किताब और समय के साथ भूल जाते हैं और उसकी पूजा करते हैं, जमीन पर झूठ बोलते हैं, टीका-टिप्पणी स्थापित है, महिमा करता है मंडन के गीत गान करने के लिए संकेत कर वैकल्पिक ही गवा बाजार हैं | भारत का संविधान 26 जनवरी 2049 को संविधान सभा द्वारा पारित किया गया जो 26 जनवरी 1950 को देश में लागू किया गया था | इस पर चर्चा करने से समय के साथ-साथ गतिशील चक्र के आकार जो कमियां पैदा हो गईं, वे प्रकट हो रही हैं, चर्चा समय के तीन काल भूत, वर्तमान और भविष्य पर समान-आसाधारण दृष्टिकोण डालती हैं कि न अपनी-अपनी प्रतिभाएं सामने लाती हैं इज्जत बिगडने के नये राजनीतिक सिद्धांत पर आधारित हो | ये भी सिर्फ संविधान संसोधन तक ही रह जाते हैं | यदि संसोधन न करो तो वह एक ही समय पर स्थिर विश्राम रुकावत्सा का परिणाम है, हमने कई धर्मों और धार्मिक चरित्रों को मिटते हुए देखा है | यदि संविधान का बार-बार संसोधन किया गया तो वह टूट कर ख़त्म हो जायेगा | सामान्य भाषा में कहा जाता है कि संविधान की किताब में सभी कागज एक जिले के रूप में शामिल हैं, वे संसोधन के नाम पर नए-नए कागज ठूसने पर हैं, वो किताब फुलाकर ओझा ने लिखी है, क्योंकि वो संविधान की किताब में एक जिले के सभी कागज शामिल हैं के साथ जोड़ा नहीं गया है.. भारत के संविधान में 106 संशोधन हो रहे हैं, लेकिन इसमें सभी संविधान के अन्य विधान शामिल हैं, एक जिले के साथ नहीं हैं, इस कारण से स्पष्ट रूप से पुल्टा हो रहे हैं | राष्ट्रपति और मुख्य न्यायाधीश अलग-अलग संविधान दिवस मना रहे हैं जबकि संविधान एक हैं, संविधान की शपथ लेने वाले हैं मुख्य न्यायाधीश गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति और शपथ लेने वाले हैं और अपनी शपथ लेने वाले हैं, दूसरे राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री मंच के ऊपर शपथ लेने वाले हैं वे संविधान की शपथ लेते हैं, मुख्यमंत्री संविधान के विधान से जेल में बंद कर दिया जाता है। हैं | इसलिए साइंटिफिक-एना बस की माने तो संविधान पर चर्चा से पहले उसे सलाह देने पर काम करना चाहिए, जो संविधान की किताब की जिले को जोड़ने वाले सभी कलाकारों और वास्तुशिल्पियों को एक साथ रखना चाहिए | यह राष्ट्रपति एवं सर्वोच्च न्यायालय के संविधान पृष्ट के अधीन ही संभव है क्योंकि इन दोनों को ही संविधान संरक्षक का पद प्राप्त है | सबसे महत्तवपूर्ण बात यह है कि संवैधानिक एवं सरकारी पद पर कार्य कर व्यक्ति और कर रहे व्यक्ति नहीं कर सकते हैं | संविधान की पहली बार संविधान के रूप में राष्ट्रपति के पास के पद भी शामिल हुए हैं वर्तमान का कटु सत्य यह है कि राष्ट्रपति और मुख्य न्यायाधीश संविधान दिवस को लेकर संवैधानिक प्रतिबंध की जड़ते हैं इसलिए समर्थक ही भक्त बन गए हैं और अपने-अपने संविधान को सदस्य पद पर नियुक्त कर रहे हैं तो चर्चा के बाद संवैधानिक संविधान के उपदेश के पेपर नास्ता करने के अलावा और क्या पाया जा सकता है | शैलेन्द्र बिराणी युवा वैज्ञानिक बिराणी युवा वैज्ञानिक

साइंटिफिक-एना लिसीस 75 वर्ष पुराने संविधान पर चर्चा नहीं, संविधान निर्माण की आवश्यकता -शैलेन्द्र बिराणी 

एडवेंचर स्पोर्ट्स इंस्ट्रक्टर में नौकरी के अवसर और करियर विकल्प

एडवेंचर स्पोर्ट्स इंस्ट्रक्टर में नौकरी के अवसर और करियर विकल्प   विजय गर्ग प्रधानाचार्य   एडवेंचर स्पोर्ट्स इंस्ट्रक्टर, जैसा कि नाम से ही पता चलता है, एडवेंचर स्पोर्ट्स में प्रशिक्षण…