Fourth Pillar of Democracy https://fourthpillarofdemocracy.com Fourth Pillar of Democracy Sun, 01 Jun 2025 14:06:50 +0000 en-US hourly 1 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने माँ गंगा की आराधना कर समस्त प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। https://fourthpillarofdemocracy.com/%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%96%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%aa%e0%a5%81%e0%a4%b7%e0%a5%8d%e0%a4%95%e0%a4%b0-%e0%a4%b8%e0%a4%bf%e0%a4%82%e0%a4%b9-31/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=%25e0%25a4%25ae%25e0%25a5%2581%25e0%25a4%2596%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25af%25e0%25a4%25ae%25e0%25a4%2582%25e0%25a4%25a4%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25b0%25e0%25a5%2580-%25e0%25a4%25aa%25e0%25a5%2581%25e0%25a4%25b7%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%2595%25e0%25a4%25b0-%25e0%25a4%25b8%25e0%25a4%25bf%25e0%25a4%2582%25e0%25a4%25b9-31 https://fourthpillarofdemocracy.com/%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%96%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%aa%e0%a5%81%e0%a4%b7%e0%a5%8d%e0%a4%95%e0%a4%b0-%e0%a4%b8%e0%a4%bf%e0%a4%82%e0%a4%b9-31/#respond Sun, 01 Jun 2025 14:06:50 +0000 https://fourthpillarofdemocracy.com/?p=5945 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को हरिद्वार पहुँचकर वात्सलय गंगा आश्रय का लोकार्पण किया तथा श्री कृष्ण कथा में प्रतिभाग करते हुए साधु सन्तों का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर उन्होंने माँ गंगा की आराधना कर समस्त प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की भी प्रार्थना की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि साध्वी ऋतम्भरा द्वारा जो प्रकल्प चलाए जा रहे हैं, उनके बारे में जितना कहा जाए उतना ही कम है। उनके के नेतृत्व में निराश्रित बेटियों को नव जीवन देने का जो दिव्य कार्य हो रहा है, वह समाज में आशा, करुणा और पुनर्निर्माण का सशक्त प्रतीक है। उनके संकल्प से अनेक बेटियों का जीवन सकारात्मक दिशा में परिवर्तित हुआ है। यह वास्तव में समाजसेवा की प्रेरणादायी मिसाल है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन से देवभूमि उत्तराखंड में अनेक प्रकार के विकास कार्य हो रहे हैं जिसमें समान नागरिक संहिता प्रमुुख है, देवभूमि उत्तराखण्ड से जैसे मां गंगा निकलती है और यहां से निकलकर पूरे देश को जल और जीवन देने का काम करती हैं इस प्रकार समान नागरिक संहिता की यह गंगोत्री उत्तराखंड से निकली है और आगे आने वाले समय में पूरे देश को इसका लाभ मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में धार्मिक पुनरुत्थान का महा पर्व चल रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में भव्य और दिव्य केदार का निर्माण हुआ है। हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर और शारदा कोरिडोर का कार्य किया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि अभी चार धाम यात्रा चल रही है, चार धाम यात्रा का इस वर्ष अभी तक लगभग 18 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन कर लिए हैं। बहुत अच्छी तरीके से यात्रा चल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली -देहरादून एलीवेटेड रोड का निर्माण पूरा होने वाला है । यह काम पूरा होते ही यह दूरी लगभग दो से ढाई घंटे में पूरी हो जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सनातन संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए उत्तराखंड सरकार कृत संकल्पित है। प्रदेश के मूल स्वरूप को बनाए रखने के लिए लैंड जिहाद, लव जिहाद और थूक जिहाद जैसी विकृत मानसिकताओं के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देवभूमि का जो मूल अस्तित्व है, वह बचा रहना चाहिए।

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रदेश में सराहनीय कार्य किए जा रहे हैं, यह दिल्ली के लिए प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि है और धामी जी पूरे देश के लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने कहा कि जो भी अच्छी योजनाएं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लायेंगे वह दिल्ली में भी जायेंगी। उन्होंने कहा कि मां यमुना स्वच्छ हो, मां गंगा जी के चरणों में आकर अपने इस प्रण को पुनः दोहराया।

इस दौरान साध्वी ऋतम्भरा जी, परमानन्द गिरी जी महाराज, आचार्य बाल कृष्ण, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महन्त रविन्द्रपुरी जी महाराज,महानिर्वाणी पीठ के आचार्य महामंडलेश्वर विशोखानंद ,महामंडलेश्वर संतोषी माता,महामंडलेश्वर हरिचेतनानंद महाराज, साध्वी मैत्रीगिरी, विधायक मदन कौशिक, विधायक आदेश चौहान, विधायक प्रदीप बत्रा, मेयर किरन जेसल, जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह, एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल, उपाध्यक्ष एचआरडीए अंशुल सिंह, नगर आयुक्त नन्दन सिंह, अपर जिलाधिकारी दीपेन्द्र सिंह नेगी, दर्जा राज्यमंत्री देशराज कर्णवाल, डॉ.जयपाल सिंह चौहान, ओमप्रकाश जमदग्नि, शौभाराम प्रजापति सहित अन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।

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श्री केदारनाथ धाम यात्रा हर वर्ष नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है https://fourthpillarofdemocracy.com/%e0%a4%b6%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%87%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%a5-%e0%a4%a7%e0%a4%be%e0%a4%ae-%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%be/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=%25e0%25a4%25b6%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25b0%25e0%25a5%2580-%25e0%25a4%2595%25e0%25a5%2587%25e0%25a4%25a6%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%25b0%25e0%25a4%25a8%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%25a5-%25e0%25a4%25a7%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%25ae-%25e0%25a4%25af%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%25a4%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25b0%25e0%25a4%25be https://fourthpillarofdemocracy.com/%e0%a4%b6%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%87%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%a5-%e0%a4%a7%e0%a4%be%e0%a4%ae-%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%be/#respond Sun, 01 Jun 2025 13:49:23 +0000 https://fourthpillarofdemocracy.com/?p=5942 एक महीने में श्री केदारनाथ धाम यात्रा में लगभग 200 करोङ का कारोबार

घोड़ा खच्चर संचालन से 40 करोड़ रुपए, हेली सेवाओं ने किया 35 करोड़ का व्यापार

जीएमवीएन एवं स्थानीय व्यापारियों को भी मिल रहा बढ़ती यात्रा का लाभ, 100 करोड़ से अधिक का हुआ व्यापार

श्री केदारनाथ धाम यात्रा हर वर्ष नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। एक ओर जहां बाबा केदारनाथ के दर्शन को देश विदेश से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा नए रिकॉर्ड कायम कर रहा है वहीं स्थानीय लोगों के रोजगार को भी बढ़ती हुई यात्रा से लगातार लाभ मिल रहा है। दूसरी ओर शासन प्रशासन द्वारा यात्रा पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को दी जा रही सुविधाओं से सरकार को भी भारी राजस्व प्राप्त हो रहा है। बाबा के कपाट खुले एक महीने का समय पूर्ण हो चुका है और इसी एक महीने में सरकारी सुविधाओं से लेकर स्थानीय व्यापारियों ने दो अरब से अधिक का कारोबार कर लिया है। वहीं जून का महीना शुरू होने के बाद से श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार इजाफा भी होने लगा है, जिसका स्थानीय व्यापारियों एवं महिला स्वयं सहायता समूहों को पूरा लाभ मिलेगा।

सात लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किए बाबा के दर्शन

वर्ष 2025 की यात्रा के लिए 02 मई को बाबा केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खुल गए थे। बाबा के कपाट खुले एक महीने का समय पूर्ण हो चुका है। रविवार 01 जून को बाबा के दर्शन करने वाले भक्तों की संख्या 07 लाख पार हो चुकी है। पिछले एक महीने का औसत निकला जाए तो प्रतिदिन 24 हजार श्रद्धालु बाबा के दर्शनों को केदारपुरी पहुंचे हैं।

घोड़ा -खच्चर संचालन से 40.5 करोड़ रुपए की आय

श्री केदारनाथ धाम यात्रा देश की सबसे कठिन धार्मिक यात्राओं में से एक है। करीब 20 किलोमीटर का कठिन पैदल मार्ग पार करने के बाद हिमालय पर्वत की गोद में बसे 11 वें ज्योतिलिंग के दर्शन हो पाते हैं। इस कठिन पैदल धार्मिक यात्रा में घोड़ा -खच्चरों का बेहद अहम योगदान होता है। असमर्थ एवं बुजुर्ग भक्त अक्सर इन्हीं के माध्यम से यात्रा करते हैं वहीं खाद्य पदार्थ से लेकर अन्य अनिवार्य सामग्री इन्हीं घोड़े खच्चरों से यात्रा मार्ग एवं केदारपुरी में पहुंचाई जाती है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ आशीष रावत ने बताया कि 31 मई तक 1,39,444 तीर्थलु घोड़े खच्चरों के माध्यम से दर्शनों को पहुंचे हैं जिसके माध्यम से 40 करोड़ 50 लाख से अधिक की आय प्राप्त हुई है। बताया कि इस वर्ष संक्रामक बीमारी इक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस के चलते कुछ दिन घोड़ा खच्चर संचालन प्रभावित भी रहा।

हेली सेवाओं ने किया 35 करोड़ रुपयों का कारोबार

हेली सेवाओं की श्री केदारनाथ धाम यात्रा में अपनी एक अहम भूमिका है। हेली सेवाओं के माध्यम से किसी भी हालात में पैदल यात्रा करने में असमर्थ श्रद्धालुओं को बाबा के दर्शन का मौका मिलता है। वहीं रेस्क्यू अभियान में हेली सेवाएं अहम किरदार निभा रही हैं। प्रत्येक दिन दो से तीन मेडिकल आपातकाल से जूझ रहे लोगों को हेली सेवाओं से ही समय पर हायर सेंटर रेस्क्यू किया जाता है। जिला पर्यटन अधिकारी एवं नोडल हेली सेवा राहुल चौबे ने बताया कि इस वर्ष आठ हेली कंपनियां नौ हेलीपैड से अपना संचालन कर रही हैं। 31 मई तक लगभग 33000 श्रद्धालु हेली सेवाओं के माध्यम से बाबा केदारनाथ धाम पहुंचे हैं जिससे करीब 35 करोड़ रुपए की आय प्राप्त हुई है। चौबे ने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि हेली बुकिंग के लिए आईआरसीटीसी की आधिकारिक वेबसाइट से ही बुकिंग की जाए।

डंडी -कंडी से एक करोड़ से अधिक की आय

श्री केदारनाथ धाम पैदल यात्रा मार्ग पर जितने घोड़े- खच्चरों का संचालन महत्वपूर्ण है उतना ही डंडी- कंडी संचालन भी। पैदल चलने में असमर्थ कई भक्त डंडी कंडी की जगह डंडी- कंडी से यात्रा करना पसंद करते हैं। वहीं छोटे बच्चों के लिहाज से भी यह ज्यादा सुरक्षित माना जाता है। इसके अलावा कई श्रद्धालु खुद पैदल यात्रा कर केवल समान डंडी- कंडी की मदद से केदारपुरी पहुंचा देते हैं। अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत रुद्रप्रयाग संजय कुमार ने बताया कि इस वर्ष की यात्रा के लिए 7000 से अधिक डंडी- कंडी संचालक पंजीकृत हैं। 31 मई तक 29275 श्रद्धालु डंडी- कंडी के माध्यम से यात्रा कर चुके हैं, जिससे एक करोड़ 16 लाख, 89 हजार 100 रुपए की आय प्राप्त हुई है। वहीं गंदगी फैलने एवं अन्य नियमों के उल्लंघन पर विभिन्न प्रतिष्ठानों का 2,26,000 रुपए का चालन कर अर्थदंड भी वसूला गया है।

टैक्सी संचालन से करीब 7 करोड़ रुपए अर्जित

सहायक परिवहन अधिकारी रुद्रप्रयाग कुलवंत सिंह चौहान ने बताया कि इस वर्ष श्री केदारनाथ धाम यात्रा में शटल सेवा के लिए 225 गाड़ियां पंजीकृत हैं। इन्हीं गाड़ियों में श्रद्धालु सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक पहुंचते हैं।
अब तक सात लाख से अधिक श्रद्धालु श्री केदारनाथ धाम पहुंच चुके हैं हर यात्री को 50 रुपए जाने एवं 50 रुपए वापस सोनप्रयाग आने के चुकाने पड़ते हैं। 01 जून तक 7 लाख श्रद्धालु धाम में पहुंच चुके हैं यानी अब तक टैक्सी संचालक करीब 7 करोड़ रुपए शटल सेवा के माध्यम से अर्जित कर चुकी हैं। वहीं इस वर्ष नई पहल करते हुए 25 गाड़ियां महिला एवं बुजुर्गों के लिए आरक्षित की गई हैं। प्रति गाड़ी में औसतन 10 सवारी यात्रा कर सकती हैं। इन गाड़ियों में बकायदा स्टीकर भी लगाए गए हैं। पहले चरण में 25 वाहन ही इसके लिए लिए गए हैं अगर प्रयोग सफल रहता है और अधिक गाड़ियों की आवश्यकता महसूस हुई तो गाड़ियों की संख्या बढ़ाई जा सकती है।

होटल प्रतिष्ठानों ने किया 100 करोड़ से अधिक का कारोबार

श्री केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग एवं केदारपुरी में श्रद्धालुओं की ठहरने की व्यवस्था जीएमवीएन एवं स्थानीय व्यापारी करते हैं। श्री केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग से लेकर केदारपुरी तक स्थानीय लोगों के सैकड़ों होटल, टेंट एवं रेस्तरां हैं जिनमें ठहरने एवं खाने के लिए श्रद्धालु रुकते हैं। व्यापार संघ अध्यक्ष गौरीकुंड रामचंद्र गोस्वामी ने कहा कि श्री केदारनाथ धाम यात्रा का स्वरूप हर वर्ष बढ़ता जा रहा है। इस वर्ष भी ऐतिहासिक रूप से यात्रा चल रही है, अकेले गौरीकुंड में करीब 350 प्रतिष्ठान हैं जहां श्रद्धालुओं के रहने- खाने की व्यवस्था होती है।
श्री केदारनाथ धाम यात्रा पर आने वाले एक यात्री का रहने एवं खाने का औसत खर्चा 1500 से 2000 रुपए न्यूनतम होता है। इसमें कुछ लोग अपने खाने की व्यवस्था स्वयं करते हैं। एक महीने में यात्रा पर पहुंचे 7 लाख श्रद्धालुओं के हिसाब से औसत निकाला जाए तो 100 करोड़ रुपए होटल एवं रेस्तरां प्रतिष्ठानों ने कारोबार कर लिया है। उधर, जीएमवीएन के रीजनल मैनेजर गिरवीर रावत ने बताया कि जीएमवीएन के 15 प्रतिष्ठान केदारनाथ यात्रा मार्ग पर हैं जिसमें जिसमें ध्यान गुफा भी शामिल हैं। इन सभी में मिलकर एक महीने में 3 करोड़ 80 लाख 1582 रुपए का राजस्व प्राप्त किया है।

“श्री केदारनाथ धाम यात्रा उत्तराखंड की आस्था और संस्कृति की धुरी बन चुकी है। सरकार का लक्ष्य केवल तीर्थयात्रियों को सुविधाएं देना नहीं, बल्कि स्थानीय युवाओं, महिलाओं एवं व्यापारियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना भी है। हम प्रयासरत हैं कि यात्रा सुरक्षित, सुगम और समृद्ध बनाने की दिशा में हर संभव कदम उठाएं।

पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

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मा0 मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिला प्रशासन का शिक्षा माफियाओं पर कड़ा प्रहार जारी  https://fourthpillarofdemocracy.com/%e0%a4%ae%e0%a4%be0-%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%96%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%a6%e0%a5%87/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=%25e0%25a4%25ae%25e0%25a4%25be0-%25e0%25a4%25ae%25e0%25a5%2581%25e0%25a4%2596%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25af%25e0%25a4%25ae%25e0%25a4%2582%25e0%25a4%25a4%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25b0%25e0%25a5%2580-%25e0%25a4%2595%25e0%25a5%2587-%25e0%25a4%25a8%25e0%25a4%25bf%25e0%25a4%25b0%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25a6%25e0%25a5%2587 https://fourthpillarofdemocracy.com/%e0%a4%ae%e0%a4%be0-%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%96%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%a6%e0%a5%87/#respond Sun, 01 Jun 2025 13:46:49 +0000 https://fourthpillarofdemocracy.com/?p=5939 प्रशासन का  पड़ा हथोड़ा तो स्कूल प्रबंधन के होश आए ठिकाने, जमा कराई 5,72,000 की पेनल्टी;
 बैकफुट पर आए नामी गिरामी निजी स्कूल
मा0 मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिला प्रशासन का शिक्षा माफियाओं पर कड़ा प्रहार जारी
जिला प्रशासन ने निकाली निजी स्कूलों की हेकड़ी; मानक विपरीत फीस वसूली पर  5,72,000 की पेनल्टी
द प्रसिडेंसी इन्टरनेशनल स्कूल, भनियावाला  फीस कम करने का जिला प्रशासन को लिख चुका है पत्र, अब जमा कराई पेनल्टी
प्रशासन के बुलाने के बाद भी नहीं हुए थे हाजिर, प्रशासन में खंगाले कागज तो सामने आया सच
देहरादून 01 जून, 2025(सू.वि.),द प्रसिडेंसी इन्टरनेशनल स्कूल, भनियावाला  ने 5,72000 की पेनल्टी जमा कराई है तथा लिखित रूप में फीस कम करने का जिला प्रशासन को सहमति दी है।
जिलाधिकारी सविन बंसल शिक्षा माफियाओं पर कड़ा रूख अपनाए हुए हैं, जिससे एक और जहां अभिभावकों में खुशी है वही शिक्षा माफिया में प्रशासन का डर पैदा हो गया है।
 मा0 मुख्यमंत्री के निर्देशों के परिपालन में जिला प्रशासन देहरादून जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देशन में शिक्षा माफियाओं पर निरंतर कार्यवाही की जा रही है। अभिभावकों से फीस के नाम पर वसूली की शिकायतों पर जिला प्रशासन द्वारा शहर के कई नामी-गिरामी निजी स्कूलों पर कार्यवाही से जहां शिक्षा माफियाओं के हौसले पस्त हुए हैं वही बड़े-बड़े स्कूलों का फीस बढोतरी का खेल भी सामने आया है। फीस बढोतरी पर जिला प्रशासन की जीरो टालरेंस की  नीति अपनाए हुए है।
जिला प्रशासन के कड़े रूख और निरंतर प्रवर्तन की कार्यवाही जारी है, जिससे शहर कस्बों में अवस्थित निजी नामी गिरामी स्कूलों के तेवर ढीले  हो गए हैं, वहीं स्कूल प्रबन्धन अब अपनी फीस घटा रहे। ताजा मामला द प्रेसिडेंसी इन्टरनेशनल स्कूल भानियावाला का है, स्कूल प्रबन्धन द्वारा लिखित रूप से स्कूल फीस कम करने का पत्र प्रशासन को दिया है।  जिला प्रशासन  की दृढ़ इच्छा शक्ति के आगे अब  शिक्षा माफियाओं के हौसले नहीं टिक पा रहे हैं, जिससे जिले के कई नामी गिरामी स्कूल अब मनमर्जी फीस बढोतरी पर आए बैकफुट पर आएं है। जिला प्रशासन ने जैसे ही सख्ताई दिखाई तो धीरे-2  स्कूल फीस बढोतरी का खेल भी खुलने लगा। द प्रसिडेंसी इन्टरनेशनल स्कूल, भनियावाला का मामला सामने आया है जहां 100 से अधिक अभिभावकों ने फीस बढ़ोतरी की थी शिकायत, बिना मान्यता नवीनीकरण के स्कूल  संचालित होने पर प्रशासन ने लगाई रू0 5,72000 की शास्ति लगाई थी। जिसे चेक के माध्यम से  जमा करा  दिया गया है। अब स्कूल प्रबन्धन द्वारा जिला प्रशासन को लिखित रूप फीस कम करने का पत्र दिया है।
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कार्यालय जिला सूचना अधिकारी देहरादून
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धामी सरकार लाएगी दवाओं के सुरक्षित निस्तारण की क्रांति, उत्तराखंड में लागू होंगे CDSCO के दिशा-निर्देश https://fourthpillarofdemocracy.com/%e0%a4%a7%e0%a4%be%e0%a4%ae%e0%a5%80-%e0%a4%b8%e0%a4%b0%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%8f%e0%a4%97%e0%a5%80-%e0%a4%a6%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%93%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%87/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=%25e0%25a4%25a7%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%25ae%25e0%25a5%2580-%25e0%25a4%25b8%25e0%25a4%25b0%25e0%25a4%2595%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%25b0-%25e0%25a4%25b2%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%258f%25e0%25a4%2597%25e0%25a5%2580-%25e0%25a4%25a6%25e0%25a4%25b5%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%2593%25e0%25a4%2582-%25e0%25a4%2595%25e0%25a5%2587 https://fourthpillarofdemocracy.com/%e0%a4%a7%e0%a4%be%e0%a4%ae%e0%a5%80-%e0%a4%b8%e0%a4%b0%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%8f%e0%a4%97%e0%a5%80-%e0%a4%a6%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%93%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%87/#respond Sun, 01 Jun 2025 07:23:37 +0000 https://fourthpillarofdemocracy.com/?p=5937 धामी सरकार लाएगी दवाओं के सुरक्षित निस्तारण की क्रांति, उत्तराखंड में लागू होंगे CDSCO के दिशा-निर्देश

राज्य की 25वीं वर्षगांठ पर ‘हरित स्वास्थ्य प्रणाली’ की ओर एक ऐतिहासिक पहल

उत्तराखंड सरकार राज्य में दवाओं के वैज्ञानिक, सुरक्षित और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से जिम्मेदार निस्तारण के लिए एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। धामी सरकार ने केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (Central Drugs Standard Control Organisation – CDSCO), स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को राज्य में लागू करने की दिशा में कार्य आरंभ कर दिया है। यह निर्णय केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि उत्तराखंड को देशभर में “हरित स्वास्थ्य प्रणाली” का मॉडल राज्य बनाने की दिशा में एक परिवर्तनकारी पहल है।

स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त FDA डॉ. आर. राजेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व स्वास्थ्य मंत्री डाॅ धन सिंह रावत के दिशा निर्देशों के बाद हम इसे राज्य में लागू करने जा रहे हैं। आयुक्त FDA डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा एक्सपायर्ड और अप्रयुक्त दवाओं के निस्तारण को लेकर अब तक एक स्पष्ट और सुसंगत प्रणाली का अभाव रहा है। उत्तराखंड जैसे पर्यावरणीय दृष्टि से संवेदनशील राज्य में यह चुनौती और गंभीर हो जाती है। अब हम इसे एक सुनियोजित प्रणाली के तहत नियंत्रित करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन दिशा-निर्देशों में दवाओं के जीवनचक्र निर्माण से लेकर उपभोग तक और फिर उचित निस्तारण तक के हर चरण को ध्यान में रखकर प्रक्रिया तय की गई है।

हरित स्वास्थ्य प्रणाली की ओर कदम
स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त FDA डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा घोषित “स्वस्थ नागरिक, स्वच्छ उत्तराखंड” मिशन के तहत यह पहल राज्य को एक हरित और सतत स्वास्थ्य सेवा मॉडल की ओर ले जाएगी। इस निर्णय से प्रदेश को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरणीय जिम्मेदारी और स्वास्थ्य सुरक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने की संभावनाएं भी प्रबल हो गई हैं। इस पूरी प्रक्रिया से जुड़े सभी पक्षों, नीति निर्धारकों, व्यवसायिक संगठनों और आम नागरिकों की सक्रिय सहभागिता ही इस मिशन को सफल बना सकती है। उत्तराखंड इस दिशा में एक मिसाल बनने की ओर बढ़ रहा है।

ड्रग टेक-बैक साइट्स की होगी स्थापना
आयुक्त FDA डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की योजना के अनुसार उत्तराखंड के शहरी, अर्ध-शहरी और पर्वतीय इलाकों में चरणबद्ध ढंग से “ड्रग टेक-बैक साइट्स” स्थापित की जाएंगी। यहां आम नागरिक अपने घरों में पड़ी अप्रयुक्त, एक्सपायर्ड या खराब हो चुकी दवाएं जमा करा सकेंगे। इन केंद्रों से दवाओं को वैज्ञानिक ढंग से संग्रह कर विशेष रूप से अनुमोदित प्रोसेसिंग यूनिट्स में निस्तारित किया जाएगा।

CDSCO की गाइडलाइन में क्या खास.?
आयुक्त FDA डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि CDSCO की गाइडलाइन दवाओं के सुरक्षित निस्तारण के लिए एक वैज्ञानिक ढांचा प्रस्तुत करती है। इसमें दवाओं को एक्सपायर्ड, अप्रयुक्त, रीकॉल की गई और कोल्ड चेन में खराब जैसी श्रेणियों में बांटने का प्रावधान है। निस्तारण के लिए इनसिनरेशन और एन्कैप्सुलेशन जैसी तकनीकों का सुझाव दिया गया है। कलर-कोडेड बायोमेडिकल वेस्ट बैग्स, ट्रैकिंग व लॉग बुक सिस्टम जैसी व्यवस्थाएं इसे और प्रभावी बनाती हैं। यह गाइडलाइन WHO के मानकों और बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 के अनुरूप तैयार की गई है, ताकि मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण पर दवाओं के दुष्प्रभाव को कम किया जा सके।

सभी की जवाबदेही तय की जाएगी-ताजबर जग्गी
अपर आयुक्त FDA व ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने कहा राज्य में दवाओं के निस्तारण को लेकर अब तक जो कार्यप्रणाली थी, वह बिखरी हुई और असंगठित थी। अब हम इसे एक ‘थर्ड पार्टी मॉनिटरिंग सिस्टम’ और स्थानीय ड्रग इन्फोर्समेंट यूनिट्स के माध्यम से नियंत्रित करेंगे। उन्होंने कहा कि निर्माता कंपनियों, थोक और खुदरा विक्रेताओं, अस्पतालों व उपभोक्ताओं, सभी के लिए जवाबदेही तय की जाएगी। हम इस दिशा में जन-जागरूकता के व्यापक अभियान भी चलाएंगे ताकि आम नागरिक भी इस व्यवस्था में भागीदार बनें।

अपर आयुक्त FDA व ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने कहा यह कदम इसलिए जरूरी है क्योंकि अनियंत्रित रूप से दवाओं का निस्तारण न केवल पर्यावरण बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा बन सकता है। ऐसे निस्तारण से नदियों, झीलों और भूमिगत जल स्रोतों में विषैले रसायनों का मिश्रण हो सकता है, जो प्राकृतिक संसाधनों को नुकसान पहुंचाता है। वहीं, अगर दवाएं जानवरों या बच्चों के संपर्क में आ जाएं, तो गंभीर स्वास्थ्य संकट उत्पन्न हो सकता है। इसके अलावा, दवाओं के गलत और अत्यधिक उपयोग से एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (AMR) जैसी वैश्विक समस्या भी बढ़ सकती है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए उत्तराखंड सरकार ने ठोस तैयारी की है। अपर आयुक्त व ड्रग कंट्रोलर ने कहा राज्य औषधि नियंत्रण विभाग को मॉनिटरिंग एजेंसी बनाया जाएगा, ड्रगिस्ट्स एंड केमिस्ट्स एसोसिएशन को टेक-बैक सिस्टम में जोड़ा जाएगा, जिलों में टास्क फोर्स गठित होंगे और ई-ड्रग लॉग सिस्टम के माध्यम से डेटा की निगरानी व ऑडिट की व्यवस्था की जाएगी।

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लोगों तक स्वच्छ, सस्ती, सुलभ और विश्वसनीय ऊर्जा पहुंच सुनिश्चित करें ऊर्जा विभाग: मुख्य सचिव। https://fourthpillarofdemocracy.com/%e0%a4%b2%e0%a5%8b%e0%a4%97%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%a4%e0%a4%95-%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%b5%e0%a4%9a%e0%a5%8d%e0%a4%9b-%e0%a4%b8%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a5%80-%e0%a4%b8%e0%a5%81%e0%a4%b2/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=%25e0%25a4%25b2%25e0%25a5%258b%25e0%25a4%2597%25e0%25a5%258b%25e0%25a4%2582-%25e0%25a4%25a4%25e0%25a4%2595-%25e0%25a4%25b8%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25b5%25e0%25a4%259a%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%259b-%25e0%25a4%25b8%25e0%25a4%25b8%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25a4%25e0%25a5%2580-%25e0%25a4%25b8%25e0%25a5%2581%25e0%25a4%25b2 https://fourthpillarofdemocracy.com/%e0%a4%b2%e0%a5%8b%e0%a4%97%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%a4%e0%a4%95-%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%b5%e0%a4%9a%e0%a5%8d%e0%a4%9b-%e0%a4%b8%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a4%e0%a5%80-%e0%a4%b8%e0%a5%81%e0%a4%b2/#respond Sun, 01 Jun 2025 07:21:29 +0000 https://fourthpillarofdemocracy.com/?p=5934 लोगों तक स्वच्छ, सस्ती, सुलभ और विश्वसनीय ऊर्जा पहुंच सुनिश्चित करें ऊर्जा विभाग: मुख्य सचिव।

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में जीएमएस रोड स्थित उत्तराखंड जल विद्युत निगम के सभागार में ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।

बैठक में यूजेवीएनएल, पिटकुल और यूपीसीएल के तीनों कारपोरेशन के गतिमान कार्यों, उनकी वर्तमान स्थिति, उनकी प्रगति, भविष्य की रणनीतियों तथा लोगों को स्वच्छ, सुलभ और विश्वसनीय ऊर्जा उपलब्धता सुनिश्चित करने के संबंध में व्यापक विचार – विमर्श किया गया।

प्रोजेक्ट के तकनीकी, आर्थिकी और व्यवसायिक व्यवहारिकता का ध्यान रखा जाए।

महत्वपूर्ण अप्रूवल प्राप्त होने के पश्चात ही निविदा प्रक्रिया प्रारंभ करें।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि किसी भी प्रोजेक्ट को बनाते समय उसके तकनीकी, आर्थिकी और व्यावसायिक सभी पहलुओं को ध्यान में रखें। साथ ही प्रशासनिक, पर्यावरणीय, वित्तीय और तकनीकी सभी तरह की महत्वपूर्ण स्वीकृतियां प्राप्त होने के पश्चात ही निविदा प्रक्रिया प्रारंभ करें। ताकि बाद में परियोजनाओं को पूरा करने में किसी भी अवरोध का सामना न करना पड़े।

सभी प्रोजेक्ट को निर्धारित समयावधि में पूरा करें। केंद्र और राज्य के संबंधित मंत्रालयों तथा विभागों और एजेंसियों से समन्वय स्थापित करते हुए बाधक बिंदुओं का समाधान तलाशें।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि प्रोजेक्ट को पूरा करने की जो अवधि निर्धारित की जाती है उसी अवधि में प्रोजेक्ट पूरा करें।
प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा करने के मार्ग में जो भी अवरोध सामने आते हैं चाहे केंद्र सरकार के किसी मंत्रालय से संबंधित हो अथवा राज्य सरकार के किसी विभाग अथवा एजेंसी से संबंधित उन संबंधित पक्षों से बेहतर समन्वय स्थापित करते हुए उन मुद्दों का समाधान तलाशें जिससे प्रोजेक्ट समय से पूरे हो सकें।

तीनों कॉरपोरेशन अपने – अपने महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट की शुरुआती लागत, प्रोजेक्ट के विलंब की दशा में उसकी बढ़ी हुई लागत तथा ऊर्जा दक्षता में होने वाली हानि को रोकने के लिए व्यावहारिक उपायों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करें।

मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि ऊर्जा विभाग के तीनों कॉरपोरेशन अपने-अपने प्रोजेक्ट का इस संदर्भ में विस्तृत विवरण प्रस्तुत करें कि प्रोजेक्ट की शुरुआती लागत क्या थी और किसी तरह के विलंब के चलते उसकी अंतिम लागत कितनी बढ़ी तथा उसके पीछे क्या कारण रहे। साथ ही ऊर्जा दक्षता में होने वाली हानि का क्या कारण है और उसको कैसे रोका जा सकता है।

ऊर्जा विभाग से जुड़े हुए तीनों कॉरपोरेशन आगामी मध्यकालिक और दीर्घकालिक अवधि का दूरगामी एजेंडा भी प्रस्तुत करें।

मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि तीनों कॉरपोरेशन आगामी 5 वर्ष, 10 वर्ष, 15 वर्ष और 25- 30 वर्षों का विस्तृत एजेंडा आगामी बैठक में प्रस्तुत करें। इस एजेंडा में भविष्य में ऊर्जा जरूरत को ध्यान में रखते हुए कारपोरेशन के क्या-क्या प्लान हैं, क्या टारगेट रहेंगे और उनको कैसे अचीव किया जा सकता है इनका विस्तृत विवरण प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें।

उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड को महत्वपूर्ण निर्देश

–तराई वाले जनपदों के खंडवार विद्युत लॉस का विवरण उपलब्ध कराएं।

-स्मार्ट मीटर के प्रोजेक्ट के कार्यों में तेजी लाएं और उसको समय से पूरा करें। उद्योग और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में प्राथमिकता से विद्युत मीटर के कार्यों को पहले पूरा करें।
-भूमिगत लाइनों के प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए जिला प्रशासन तथा संबंधित विभागों से नियमित समन्वय कर डे बाय डे प्रगति बढ़ाएं।

पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन ऑफ़ उत्तराखंड लिमिटेड को महत्वपूर्ण निर्देश
-भारत सरकार के केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण से राज्य के पारेषण तंत्र का विस्तृत अध्ययन कराया जाए ताकि पारेषण तंत्र में सुधार लाया जा सके।

-विद्युत लॉस को रोकने तथा सुरक्षा की दृष्टि से हाइटेंशन लाइन का नियमित निरीक्षण करें तथा इसके लिए नई तकनीक को भी आत्मसात करें। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

-ट्रांसमिशन के विस्तारीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण के मुआवजे की धनराशि को बढ़ाने पर भी विचार करने के निर्देश दिए।

उत्तराखंड जल विद्युत निगम को महत्वपूर्ण निर्देश
-राज्य में न्यूक्लियर पावर प्लांट की संभावना की स्टडी करें।
-निर्माणाधीन लखवाड बहुउद्देशीय परियोजना के कार्यों में तेजी लाएं।
-सभी विकासशील परियोजनाएं कब से शुरू हुई, वर्तमान में किस स्तर पर हैं तथा कब तक पूर्ण होंगी इसका विस्तृत विवरण प्रस्तुत करें।

उत्तराखंड जल विद्युत निगम और उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन द्वारा सरकार को दी जाने वाली देनदारी का आपसी समन्वय से भुगतान करना सुनिश्चित करें।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि एशियाई विकास बैंक, राज्य को विशेष सहायतित अनुदान प्राप्त प्रोजेक्ट और मुख्यमंत्री की घोषणाओं से संबंधित प्रोजेक्ट सभी की प्रगति बेहतर करने के लिए नियमित रूप से मॉनिटरिंग करें।
सभी प्रोजेक्ट में अनिवार्य रूप से बोर्ड की संस्तुति प्राप्त करें।

इस दौरान उत्तराखंड जल विद्युत निगम द्वारा अवगत कराया गया कि राज्य गठन के समय राज्य की स्थापित विद्युत क्षमता 1101 मेगावाट थी जो वर्तमान में बढ़कर 4264 मेगावाट हो गई है। कॉरपोरेशन द्वारा 2024- 25 में 1136 करोड़ का राजस्व जनरेट किया गया जबकि 95 करोड़ का प्रॉफिट भी किया गया।

इस दौरान ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम, अपर सचिव ऊर्जा रंजना राजगुरु, प्रबंध निदेशक उत्तराखंड जल विद्युत निगम संदीप सिंहल, उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड अनिल कुमार व पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन ऑफ़ उत्तराखंड लिमिटेड पीसी ध्यानी सहित ऊर्जा विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर ने भारत में धर्मस्थलों का पुनर्निर्माण कर भारत की सांस्कृतिक आत्मा को पुनर्जीवित करने का कार्य किया। https://fourthpillarofdemocracy.com/%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%96%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a4%b9%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%bf-%e0%a4%85%e0%a4%b9%e0%a4%bf/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=%25e0%25a4%25ae%25e0%25a5%2581%25e0%25a4%2596%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25af%25e0%25a4%25ae%25e0%25a4%2582%25e0%25a4%25a4%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25b0%25e0%25a5%2580-%25e0%25a4%25a8%25e0%25a5%2587-%25e0%25a4%2595%25e0%25a4%25b9%25e0%25a4%25be-%25e0%25a4%2595%25e0%25a4%25bf-%25e0%25a4%2585%25e0%25a4%25b9%25e0%25a4%25bf https://fourthpillarofdemocracy.com/%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%96%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a4%b9%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%bf-%e0%a4%85%e0%a4%b9%e0%a4%bf/#respond Sun, 01 Jun 2025 07:19:21 +0000 https://fourthpillarofdemocracy.com/?p=5931 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जन्म जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में त्याग, सेवा और समर्पण की प्रतिमूर्ति अहिल्याबाई होल्कर को नमन करते हुए कहा कि उन्होंने करुणा, सेवा और धर्मनिष्ठा से भारतीय इतिहास में अद्वितीय स्थान प्राप्त किया। उन्होंने शासन को केवल सत्ता का माध्यम नहीं, बल्कि जनसेवा, न्याय और धर्म की पुनर्स्थापना का साधन बनाया। उन्होंने काशी विश्वनाथ से लेकर सोमनाथ, द्वारका से लेकर रामेश्वरम्, अयोध्या और मथुरा के साथ ही हमारी देवभूमि के बद्रीनाथ, केदारनाथ और हरिद्वार में मंदिरों और घाटों का जीर्णोद्वार में महत्वपूर्ण योगदान दिया। कई धर्मशालाओं और रास्तों के निर्माण के साथ ही जनसेवा के अनेक कार्य कराएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर ने भारत में धर्मस्थलों का पुनर्निर्माण कर भारत की सांस्कृतिक आत्मा को पुनर्जीवित करने का कार्य किया। उन्होंने संपूर्ण भारत की सनातन संस्कृति को एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया है। उन्होंने उस कालखंड में नारी सशक्तिकरण की ऐसी अनुपम मिसाल प्रस्तुत की, जिसकी कल्पना कर पाना भी उस समय कठिन था। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अपनी सांस्कृतिक चेतना के पुनर्जागरण के अमृतकाल में प्रवेश कर चुका है। वर्षों तक उपेक्षित रहे हमारे गौरवशाली इतिहास, महान राष्ट्रनायकों के योगदान और सांस्कृतिक विरासत को आज न केवल पुनर्स्थापित किया जा रहा है, बल्कि उन्हें राष्ट्रीय चेतना का आधार भी बनाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारी सनातन संस्कृति की पताका संपूर्ण विश्व में गर्व से लहरा रही है। भारत पुनः विश्वगुरु बनने की ओर तेजी से अग्रसर है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण, बद्रीनाथ के मास्टर प्लान और केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण कार्य तेजी से हो रहे हैं। अहिल्याबाई होल्कर को आदर्श मानकर प्रधानमंत्री के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी अनेक कार्य किए जा रहे हैं। महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान, उज्ज्वला योजना लखपति दीदी जैसी योजनाओं द्वारा महिला सशक्तीकरण के लिए कार्य किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार धार्मिक स्थलों के पुनर्निर्माण और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण हेतु पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। केदारखंड और मानसखंड के मंदिर क्षेत्रों के सौंदर्यीकरण के कार्य किये जा रहे हैं। हरिपुर कालसी में यमुनातीर्थ स्थल के पुनरुद्धार की दिशा में भी प्रयास किये जा रहे हैं। हरिद्वार ऋषिकेश कॉरिडोर के साथ ही शारदा कॉरिडोर के निर्माण की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है। राज्य में सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने के साथ ही ‘मुख्यमंत्री नारी सशक्तिकरण योजना‘, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना, मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना और पोषण अभियान जैसी विभिन्न योजनाएं प्रारंभ की गई हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में एक सख्त भू-कानून भी लाया गया है, जिससे राज्य के मूल स्वरूप के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। देश में सबसे पहले समान नागरिक संहिता को लागू करने का ऐतिहासिक कार्य किया है। प्रदेश में देश का सबसे प्रभावी नकल विरोधी कानून भी लागू किया है, जिसके परिणाम स्वरुप उत्तराखंड में पिछले 3 वर्ष में लगभग 23 हजार से अधिक युवाओं ने सरकारी नौकरियां प्रदान की गई है।

इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्री विनोद तावड़े, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद श्री महेन्द्र भट्ट, महामंत्री संगठन श्री अजेय कुमार, भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमती दीप्ति रावत भारद्वाज, जनप्रतिनिधिगण और पार्टी पदाधिकारी उपस्थित थे।

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मुख्यमंत्री ने राज्य आपदा प्राधिकरण द्वारा आयोजित Monsoon -2025: Preparedness कार्यशाला में किया प्रतिभाग https://fourthpillarofdemocracy.com/%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%96%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%9c%e0%a5%8d%e0%a4%af-%e0%a4%86%e0%a4%aa%e0%a4%a6/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=%25e0%25a4%25ae%25e0%25a5%2581%25e0%25a4%2596%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25af%25e0%25a4%25ae%25e0%25a4%2582%25e0%25a4%25a4%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25b0%25e0%25a5%2580-%25e0%25a4%25a8%25e0%25a5%2587-%25e0%25a4%25b0%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%259c%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25af-%25e0%25a4%2586%25e0%25a4%25aa%25e0%25a4%25a6 https://fourthpillarofdemocracy.com/%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%96%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%9c%e0%a5%8d%e0%a4%af-%e0%a4%86%e0%a4%aa%e0%a4%a6/#respond Sun, 01 Jun 2025 07:17:05 +0000 https://fourthpillarofdemocracy.com/?p=5928 मुख्यमंत्री ने राज्य आपदा प्राधिकरण द्वारा आयोजित Monsoon -2025: Preparedness कार्यशाला में किया प्रतिभाग

आपदा मित्र योजना की तर्ज पर प्रारंभ होगी आपदा सखी योजना : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को निकट देहरादून स्थित एक होटल में उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्राधिकरण द्वारा आयोजित Monsoon -2025: Preparedness कार्यशाला में प्रतिभाग किया।

मुख्यमंत्री ने इस दौरान आपदा मित्र योजना की तर्ज पर “आपदा सखी योजना“ प्रारंभ किए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा इस योजना के शुरू होने से महिला स्वयंसेवकों को आपदा से पूर्व चेतावनी, प्राथमिक चिकित्सा, राहत एवं बचाव कार्यों, मनोवैज्ञानिक सहायता आदि के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना महिला सशक्तिकरण की दिशा में सहायक सिद्ध होने के साथ आपदा प्रबंधन में समाज की सक्रिय सहभागिता को और अधिक मजबूत एवं प्रभावी बनाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा यह कार्यशाला आपदा प्रबंधन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, जो आने वाली चुनौतियों के बेहतर प्रबंधन के लिए सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि आपदा की दृष्टि से उत्तराखण्ड संवेदनशील राज्य है। हमें बीते वर्षों में आई प्राकृतिक आपदाओं से सबक लेते हुए काम करना है। मुख्यमंत्री ने कहा प्राकृतिक आपदाओं को टाला नहीं जा सकता, लेकिन त्वरित प्रतिक्रिया, सतर्कता और समन्वित राहत एवं बचाव कार्यों से जन-धन की हानि को कम किया जा सकता है। जिसके लिए सभी विभागों के बीच समन्वय के साथ सजगता एवं संवेदनशीलता भी बेहद जरूरी है।

आपदा प्रबंधन सभी विभागों का सामूहिक दायित्व है

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन सभी विभागों का सामूहिक दायित्व है। जिसमें सभी विभागों के साथ आम जनता की सक्रिय सहभागिता भी आवश्यक है। उन्होंने कहा आपदा प्रबंधन में जनभागीदारी का होना बेहद आवश्यक है। जब तक समाज जागरूक, प्रशिक्षित और सतर्क नहीं होगा, तब तक किसी भी सरकारी प्रयास का प्रभाव सीमित ही रहेगा। आपदा के दौरान सबसे पहले स्थानीय नागरिक ही मौके पर होते हैं। इसलिए ग्रामीण स्तर पर आपदा प्रबंधन समितियों, महिला एवं युवा समूहों, स्वयंसेवी संगठनों तथा रेडक्रॉस जैसी संस्थाओं को प्रशिक्षित करना भी आवश्यक है।

आपदाओं के निपटारे के लिए प्रोएक्टिव और रिएक्टिव दोनों प्रकार की रणनीति अपनाना जरूरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदाओं के प्रभावी निपटारे के लिए हमें प्रोएक्टिव और रिएक्टिव दोनों प्रकार की रणनीतियों को अपनाना होगा। जैसे 2024 में गौरीकुंड में बादल फटने की घटना के दौरान प्रोएक्टिव अप्रोच अपनाकर हजारों लोगों की जान बचाने में सफलता प्राप्त की थी। वर्ष 2024 में ही टिहरी जनपद के तोली गांव में हुए भू-स्खलन से पूर्व ही प्रशासन की त्वरित कार्यवाही के कारण 200 से अधिक लोगों की जान बचाई जा सकी थी। आपदा के समय प्रभावितों के साथ खड़े रहना हमारी प्राथमिकता है।

पूर्वानुमान पर गंभीरता से काम करने पर आपदा के प्रभाव को कम किया जा सकता है

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वानुमान पर गंभीरता से काम करने पर आपदा के प्रभाव को कम किया जा सकता है। राज्य सरकार आधुनिक तकनीकों और वैज्ञानिक उपायों को अपनाने पर जोर दे रही है। राज्य में रैपिड रिस्पॉन्स टीम गठित करने के साथ ड्रोन सर्विलांस, जीआईएस मैपिंग और सैटेलाइट मॉनिटरिंग के माध्यम से आपदा के संभावित जोखिम क्षेत्रों की पहचान कर रही है। आपदा के नुकसान को कम करने के लिए राज्य में आपदा प्रबंधन विभाग, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं स्थानीय प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा सिल्क्यारा रेस्क्यू अभियान के दौरान भी उन्होंने स्वयं टनल में फंसे मजदूरों से संवाद किया था, जिससे उनका हौसला बढ़ाया जा सका था।

मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और अन्य सैन्य बलों से अधिकारियों को निरंतर समन्वय और संवाद स्थापित करने के लिए कहा। उन्होंने कहा भूस्खलन, बाढ़ और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान कर, जेसीबी, क्रेन एवं आवश्यक उपकरणों की तैनाती सुनिश्चित की जाए। साथ ही संवेदनशील और पुराने पुलों की तकनीकी जांच कर आवश्यकतानुसार बैली ब्रिज एवं वैकल्पिक व्यवस्था हेतु भंडारण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने नदियों के किनारे बसे क्षेत्रों में जलस्तर की निरंतर मॉनिटरिंग के लिए तकनीकी यंत्रों और मानव संसाधन की तैनाती करने, खाद्यान्न, ईंधन, पेयजल एवं जीवनरक्षक औषधियों की पर्याप्त आपूर्ति सभी जिलों में अभी से सुनिश्चित करने के साथ सभी आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन ने कहा कि यह कार्यशाला आगामी मानसून से पहले व्यवस्थाओं को सशक्त और प्रभावी बनाएगी। उत्तराखंड को कई प्रकार की आपदा का सामना करना पड़ता है। इस वर्ष मौसम विभाग ने मानसून के जल्द आने और सामान्य से अधिक होने का अनुमान लगाया है। हमें मानसून से पूर्व पुख्ता इंतजाम करके आपदा के प्रभाव को कम करना है। आपदा के दौरान संसाधनों का बेहतर उपयोग और तकनीकी संसाधनों का प्रयोग आपदा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है, जिसका हमने और बेहतर इस्तेमाल करना है।

सदस्य, राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण श्री राजेंद्र सिंह ने कहा कि भारतीय मौसम विभाग ने आगामी मानसून में उत्तराखंड के लिए सामान्य से अधिक बारिश का पूर्वनुमान लगाया है। ऐसे में उत्तराखंड के लिए 15 जून से सितंबर तक आपदा की नजर से महत्वपूर्ण समय है। उत्तराखंड राज्य बाढ़, बादल फटने, भूस्खलन, भूकंप की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। इनसे बचने के लिए बेहतर पूर्वानुमान, बुनियादी ढांचों, जन जागरूकता, बेहद जरूरी है। उन्होंने उत्तराखंड सरकार की सराहना करते हुए कहा कि इस वर्ष चार धाम यात्रा बेहद सुचारू रूप से चल रही है। चार धाम यात्रा का प्रबंधन बेहद अच्छा है। उन्होंने भूस्खलन के बचाव के लिए उत्तराखंड को एन.डी.एम.ए ने 140 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की है। एन.डी.एम.ए द्वारा 190 संवेदनशील झीलों के लिए उत्तराखंड को 40 करोड़ का आवंटन हो चुका है। उन्होंने कहा फॉरेस्ट फायर को लेकर उत्तराखंड की तैयारियां इस वर्ष बेहद अच्छी हैं। उत्तराखंड को फॉरेस्ट फायर के लिए करीब 16 करोड़ की स्कीम को स्वीकृति प्रदान की है। भूकंप के लिए भी उत्तराखंड को आवश्कता अनुसार धनराशि दी जाएगी। एन.डी.एम.ए ने पूरे देश में आने वाली आपदाओं के लिए गाइडलाइन बनाई हैं, जिसे जिले स्तर तक पहुंचाना है।

उपाध्यक्ष, उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन सलाहकार समिति श्री विनय रोहेला ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से आपदा के दौरान होने वाले नुकसान को कम से कम किया गया है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में सिल्क्यारा रेस्क्यू अभियान में हमने सफलता हासिल की है। रूद्रपुर में आई बाढ़ के दौरान भी मुख्यमंत्री जी ग्राउंड जीरो पर थे। उन्होंने बताया घनसाली में आई आपदा के दौरान भी मुख्यमंत्री धामी सीधे आपदा प्रभावितों के बीच में पहुंचे थे, जिससे प्रभावितों का मनोबल बढ़ा था। मुख्यमंत्री जी ने कुशल आपदा प्रबंधन ने राज्य को विकसित प्रदेश बनाने की ओर आगे बढ़ाया है।

सचिव, आपदा श्री विनोद कुमार सुमन ने बताया कि यह कार्यशाला मानसून से पूर्व की तैयारियों को और मजबूत बनाने के लिए की जा रही है। उन्होंने बताया कार्यशाला में मौसम पूर्वानुमान, बाढ़ पूर्वानुमान, ईडब्ल्यूएस की निगरानी और प्रसार , भूस्खलन पूर्व चेतावनी प्रणाली, भूस्कालन जोखिम न्यूनीकरण के लिए भू-जांच की आवश्यकता, संसाधन और परिचालन संबंधी तैयारी, ग्लेशियर निगरानी, मानसून में होने वाली बीमारियों से बचाव, मार्गों पर भूस्खलन एवं बेस्ट प्रैक्टिसेज जैसे विभिन्न विषयों पर चर्चा होगी। जिसका लाभ आने वाले समय में हमारे राज्य को मिलेगा।

इस दौरान प्रमुख सचिव श्री आर के सुधांशु, सचिव श्री शैलेश बगौली, प्रमुख वन संरक्षक श्री धनंजय मोहन एवं विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष और विशेषज्ञ मौजूद थे।

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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर उत्तराचंल प्रेस क्लब द्वारा प्रकाशित स्मारिका “गुलदस्ता” का विमोचन किया | https://fourthpillarofdemocracy.com/%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%96%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%b6%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%aa%e0%a5%81%e0%a4%b7%e0%a5%8d%e0%a4%95%e0%a4%b0-5/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=%25e0%25a4%25ae%25e0%25a5%2581%25e0%25a4%2596%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25af%25e0%25a4%25ae%25e0%25a4%2582%25e0%25a4%25a4%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25b0%25e0%25a5%2580-%25e0%25a4%25b6%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25b0%25e0%25a5%2580-%25e0%25a4%25aa%25e0%25a5%2581%25e0%25a4%25b7%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%2595%25e0%25a4%25b0-5 https://fourthpillarofdemocracy.com/%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%96%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%b6%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%aa%e0%a5%81%e0%a4%b7%e0%a5%8d%e0%a4%95%e0%a4%b0-5/#respond Sat, 31 May 2025 01:39:46 +0000 https://fourthpillarofdemocracy.com/?p=5925 मुख्यमंत्री ने उत्तरांचल प्रेस क्लब की स्मारिका का विमोचन किया

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर उत्तराचंल प्रेस क्लब द्वारा प्रकाशित स्मारिका “गुलदस्ता” का विमोचन किया |

उत्तरांचल प्रेस क्लब के सदस्यों तथा सभी पत्रकारों को हिंदी पत्रकारिता दिवस की शुभकामनायें देते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जनतांत्रिक व्यवस्था में पत्रकारिता को चतुर्थ स्तंभ के रूप में गौरवशाली स्थान प्राप्त है। पत्रकारिता वस्तुतः सत्ता और जनता के बीच एक सशक्त माध्यम की भूमिका निभाते हुए जनता की आवाज को सत्ता तक और सत्ता की योजनाओं की जानकारी जनता तक पहुंचाने के अत्यंत महत्वपूर्ण उत्तरदायित्व का सुचारु निर्वहन करती है। इसी से देश एवं प्रदेश के सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त होता है तथा जन मानस में राष्ट्र निर्माण और जन कल्याण की भावना प्रबल होती है।मीडिया लोकतंत्र का महत्वपूर्ण अंग है और मीडिया की राज्य के विकास में अहम भूमिका है। राज्य सरकार द्वारा भी पत्रकारों एवं उनके आश्रितों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण योजनाएं आरंभ की गई है।

इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार श्री भूपेंद्र सिंह कंडारी, श्री सुरेंद्र सिंह डसीला, श्री संदीप बडोला, श्री मनीष डंगवाल, श्री रमन जायसवाल, श्री किशोर रावत सहित अन्य पत्रकार मौजूद रहे |

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प्रत्येक नागरिक को उत्पादों के मानकों की जानकारी होनी चाहिए : श्री मुन्ना सिंह चौहान https://fourthpillarofdemocracy.com/%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a5%87%e0%a4%95-%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%97%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%95-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%89%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%aa%e0%a4%be/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=%25e0%25a4%25aa%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25b0%25e0%25a4%25a4%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25af%25e0%25a5%2587%25e0%25a4%2595-%25e0%25a4%25a8%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%2597%25e0%25a4%25b0%25e0%25a4%25bf%25e0%25a4%2595-%25e0%25a4%2595%25e0%25a5%258b-%25e0%25a4%2589%25e0%25a4%25a4%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25aa%25e0%25a4%25be https://fourthpillarofdemocracy.com/%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a5%87%e0%a4%95-%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%97%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%95-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%89%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%aa%e0%a4%be/#respond Fri, 30 May 2025 14:48:40 +0000 https://fourthpillarofdemocracy.com/?p=5922 PIB Dehradun
Govt of India

Press release
Dated – 30/05/25

प्रत्येक नागरिक को उत्पादों के मानकों की जानकारी होनी चाहिए : श्री मुन्ना सिंह चौहान

– विकासनगर के ग्राम बारोटीवाला में “मानक चौपाल” का आयोजन

– भारतीय मानक ब्यूरो, देहरादून द्वारा ग्रामीण उपभोक्ताओं में गुणवत्ता जागरूकता की अनूठी पहल

विकासनगर : भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), देहरादून द्वारा ग्राम बारोटीवाला, ब्लॉक विकासनगर, जनपद देहरादून स्थित अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज में “मानक चौपाल” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण उपभोक्ताओं को गुणवत्ता मानकों, मानकीकरण, आईएसआई चिह्नित उत्पादों तथा उपभोक्ता अधिकारों के प्रति जागरूक करना था।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, क्षेत्रीय विधायक श्री मुन्ना सिंह चौहान ने चौपाल में उपस्थित ग्रामवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक नागरिक को उत्पादों की गुणवत्ता और मानकों की जानकारी अवश्य होनी चाहिए। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने बच्चों को “स्टैंडर्ड क्लब” का हिस्सा बनाएं ताकि एक जागरूक, सशक्त और गुणवत्ता-संवेदनशील समाज का निर्माण हो सके।

कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि श्रीमती मधु तोमर चौहान, जिला पंचायत प्रशासक ने महिलाओं को विशेष रूप से संबोधित करते हुए हॉलमार्क ज्वेलरी की पहचान कर ही आभूषण खरीदने का आग्रह किया। वहीं, क्षेत्र पंचायत प्रशासक श्री जसबिंदर सिंह ने इस आयोजन को ग्रामीण क्षेत्र में उपभोक्ता जागरूकता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। ग्राम प्रधान श्रीमती अनीता जी के साथ बड़ी संख्या में ग्रामवासी भी कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक सम्मिलित हुए।

कार्यक्रम की शुरुआत बीआईएस देहरादून के निदेशक श्री सौरभ तिवारी द्वारा मुख्य अतिथियों के स्वागत के साथ हुई। उन्होंने “मानक चौपाल” की भूमिका को रेखांकित करते हुए बताया कि यह पहल ग्रामीण समुदाय को गुणवत्ता और उपभोक्ता अधिकारों के प्रति जागरूक बनाने में एक सशक्त माध्यम है।

इस अवसर पर बीआईएस अधिकारियों द्वारा उपस्थित जनसमूह को आईएसआई चिह्न की पहचान, नकली उत्पादों से बचाव, तथा “बीआईएस केयर” मोबाइल एप के उपयोग संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। उपभोक्ताओं के अधिकारों, गुणवत्ता युक्त उत्पादों की खरीद के लाभ और प्रमाणीकरण प्रक्रिया पर भी विस्तार से चर्चा की गई।

“मानक चौपाल” कार्यक्रम ने ग्राम बारोटीवाला में गुणवत्ता और मानकों के प्रति एक नई सोच को जन्म दिया, जिसे स्थानीय नागरिकों ने भरपूर सराहा। बीआईएस की यह पहल निश्चित रूप से भविष्य में ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए एक मार्गदर्शक सिद्ध होगी।

इस अवसर पर श्री सौरभ चौरसिया, सहायक निदेशक, श्रीमती सरिता त्रिपाठी, मानक संवर्धन अधिकारी, एवं श्री बिशन रावत, संसाधन अधिकारी भी उपस्थित रहे और उन्होंने कार्यक्रम की सफलता में सक्रिय सहभागिता निभाई।

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मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में यातायात व्यवस्था को लेकर प्राधिकरण सहित सम्बन्धित अधिकारियों के साथ बैठक ली। https://fourthpillarofdemocracy.com/%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%96%e0%a5%8d%e0%a4%af-%e0%a4%b8%e0%a4%9a%e0%a4%bf%e0%a4%b5-%e0%a4%b6%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%86%e0%a4%a8%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a4%a6-%e0%a4%ac%e0%a4%b0%e0%a5%8d-5/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=%25e0%25a4%25ae%25e0%25a5%2581%25e0%25a4%2596%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25af-%25e0%25a4%25b8%25e0%25a4%259a%25e0%25a4%25bf%25e0%25a4%25b5-%25e0%25a4%25b6%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25b0%25e0%25a5%2580-%25e0%25a4%2586%25e0%25a4%25a8%25e0%25a4%25a8%25e0%25a5%258d%25e0%25a4%25a6-%25e0%25a4%25ac%25e0%25a4%25b0%25e0%25a5%258d-5 https://fourthpillarofdemocracy.com/%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%96%e0%a5%8d%e0%a4%af-%e0%a4%b8%e0%a4%9a%e0%a4%bf%e0%a4%b5-%e0%a4%b6%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%86%e0%a4%a8%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a4%a6-%e0%a4%ac%e0%a4%b0%e0%a5%8d-5/#respond Fri, 30 May 2025 14:44:53 +0000 https://fourthpillarofdemocracy.com/?p=5919 देहरादून 30 मई, 2025 (सू. ब्यूरो)
मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन ने शुक्रवार को सचिवालय में देहरादून शहर की यातायात व्यवस्था को लेकर एकीकृत महानगर परिवहन प्राधिकरण सहित सम्बन्धित अधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि देहरादून शहर की यातायात संकुलन की समस्या को दूर करने हेतु यातायात प्रबंधन योजना को सभी सम्बन्धित विभाग आपसी तालमेल से धरातल पर उतारें।

मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी देहरादून को शहर के यातायात संकुलन को कम करने के लिए चिन्हित चौराहों में सुधार पर शीघ्र कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने पुलिस एवं परिवहन विभाग को यातायात नियमों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यातायात नियमों के अनुपालन के लिए लगातार अभियान चलाए जाएं। उन्होंने शहर के भीतर नए पार्किंग स्थल चिन्हित करते हुए, अगले 5-10 वर्षों में होने वाले यातायात संकुलन के अनुसार व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने की बात कही।

मुख्य सचिव ने एमडीडीए को आढ़त बाजार को शिफ्ट किए जाने हेतु कार्यवाही में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि व्यापारियों को प्लॉट आबंटन का कार्य में तेजी लायी जाए। उन्होंने आढ़त बाजार शिफ्टिंग के लिए निर्धारित कैलेण्डर का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को आढ़त बाजार चौड़ीकरण की डीपीआर तैयार किए जाने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने वाणिज्यिक परिसर और शॉपिंग मॉल्स द्वारा अपनी पार्किंग का प्रयोग नहीं करने पर कार्रवाही किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि लोगों एवं आने वाली पीढ़ी में यातायात नियमों के प्रति जागरूकता लाने हेतु यातायात पार्क तैयार किए जाएं। उन्होंने फुटपाथ से अतिक्रमण हटाए जाने और यूटिलिटी शिफ्टिंग के लिए भी सम्बन्धित विभागों को निर्देश दिए।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्री आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, जिलाधिकारी देहरादून श्री सविन बंसल, उपाध्यक्ष एमडीडीए श्री बंशीधर तिवारी, अपर सचिव श्रीमती रीना जोशी, श्रीमती पूजा गरब्याल, नगर आयुक्त नगर निगम देहरादून श्रीमती नमामी बंसल एवं उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन से श्री बृजेश कुमार मिश्रा सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग

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