भगवान बदरीनाथ की डोली पहंची धाम,रविवार को खुलेंगे कपाट यात्रियों को सुविधा देने के लिए रास्ते में पड़ने वाले समूह सहयोगी बन सकते है :जीतमणि पैन्यूली

भगवान बदरीनाथ की डोली पहंची धाम,रविवार को खुलेंगे कपाट यात्रियों को सुविधा देने के लिए रास्ते में पड़ने वाले  समूह  सहयोगी बन सकते है :जीतमणि पैन्यूली

 

 केदारनाथ के कपाट खुलने पर  रावल भीमाशंकर लिंगम महाराज,लोकप्रिय मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने जनता का अभिवादन किया  मंगलमय यात्रा की शुभकामनायें दी

भगवान बदरीनाथ की डोली पहंची धाम,रविवार को खुलेंगे कपाट


चमोली। केदारनाथ, गंगोत्री- यमुनोत्री के कपाट खुलने के बाद अब बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। भगवान बदरीनाथ की डोली शनिवार को धाम पहुंच गई है। बदरीविशाल की जयकारों के बीच बड़ी संख्या में श्रद्धालु धाम पहुंचे हैं। 15 कुंतल फूलों से बदरीनाथ मंदिर को सजाया जा रहा है। कल रविवार सुबह छह बजे बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। सबसे पहले भगवान बदरी विशाल को यात्राकाल में लगाए जाने वाले तेल को पिराने(पीसने) की प्रक्रिया शुरू हुई। परंपरा है कि भगवान बदरी विशाल को प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में चार बजे स्नान कराया जाता है। स्नान के उपरांत तिलों के तेल से भगवान बदरी विशाल का लेपन (मालिश) की जाती है। तिलों के तेल को भगवान के अभिषेक के लिए शुद्ध माना जाता है। साथ ही इसे अखंड ज्याति में भी प्रयोग किया जाता है। इसलिए इस तेल को सिलबट्टे पर पीसा जाता है। जिससे इसमें कोई मिलावट न हो। परंपरा है कि यह तेल सुहागिन महिमहारानी माला राज्यलक्ष्मी शाह की मौजूदगी में शहर की कई सुहागिनों ने तेल निकाला। गणेश पूजन, मूसल पूजन, ओखल पूजन और अग्नि पूजन के बाद शहर की कई सुहागिनों और महारानी ने पीले वस्त्र धारण कर तिलों को कड़ाई में भूना और ओखली और सिलबट्टा में पिसाकर तेल निकाला।लाएं ही पिरोती हैं। यह तेल टिहरी राजदरबार की महारानी के साथ मिलकर पीसा जाता है। इसके बाद इसे एक कलश में रखा जाता है जिसे गाडू घड़ा कहते हैं।

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  यात्रा मार्ग पर  पड़ने वाले ग्राम पंचायत, वहां कार्य करने वाले स्वयं सहायता समूह  धामों में यात्रियों के ठहरने भीड़ के दबाव कम कर सकते है।

यात्रा मार्ग पर  पड़ने वाले ग्राम पंचायत, वहां कार्य करने वाले स्वयं सहायता समूह को धामों में जगह  रहने की कमी होने की समस्या को देखते हुए गांव में रुकाने  की व्यवस्था करने का प्रयास करना चाहिए।. प्रधानमंत्री मोदीजी ने घऱ घऱ शौचालय की सुविधा गांव में दे रखी है इस का उपयोग अथिति के रुकने में किया जा सकता है.

सरकार के सहयोग करने के लिए हमें अपनी  ग्राम प्रतिनिधि होने  के नाते देश के कोने कोने से आने  वाले यात्रियों को अपने घऱ का साधरण भोजन कराने की जुम्मेदारी  को निर्वाहन करने के लिए स्थनीय प्रशासन को राय देकर सुविधा देनी चाहिए।   ताकि  तीर्थ यात्रियों को  सुगम  सस्ती यात्रा कराई जा सके. गांव वासियों को  रोजगार  दिया जा सके।

यात्रियों को भी अपने अच्छे व्यवहार करने के लिए कम बोलना,मोन रखना, स्नान ध्यान कर व्रत रखने के साथ साथ तीर्थ धाम का ध्यान कर मंगल मय यात्रा करनि चाहिए। यात्रा अपने आप अच्छी प्रकार से सम्पन्न होने लगेगी। 

श्री बद्रीनाथ केदार नाथ मंदिर समिति कर्मचारी संघ के  पूर्व संरक्षक   पहाड़ों की गूँज राष्ट्रीय  साप्ताहिक समचार पत्र में यात्रियों को  यात्रा में   स्वागत   करने के सन्देश  देते हुए 5 वर्ष पूर्व में मानवता के नाते अथिति देवो भव : का स्वागत मध्य प्रदेश मुरैना के महेश गिरी  अध्यापक का  किया। वह इस समय अपने  साथ तीर्थ  यात्रियों  को लेकर आये साथियों  को चारों धाम मे यात्रा करने की जनकारी  ऋषिकेश से दी है इनका  मोबाइल नम्बर 6263642549 है। उत्तराखंड में अथिति देवो भव : के लिए प्रदेश वासियों को आने वाले तीर्थ यात्रियों के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए।

प्रदेश, देश के विकास के  साथी हमारे शुभचिंतक यात्रियों को तीर्थ स्थान पर सरल व्यवहार कर  इनके बाद आने वाले यात्रियों के लिए अच्छा संदेश देने की कृपा कीजियेगा। 

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